लखनऊ: यूपी के बहराइच में रविवार की शाम दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा ने सोमवार होते-होते विकराल रूप ले लिया. हिंदू समुदाय के लोगों का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने दुर्गा मां की प्रतिमा विसर्जित करने जा रहे लोगों पर गोलीबारी भी की है. इस […]
लखनऊ: यूपी के बहराइच में रविवार की शाम दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा ने सोमवार होते-होते विकराल रूप ले लिया. हिंदू समुदाय के लोगों का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने दुर्गा मां की प्रतिमा विसर्जित करने जा रहे लोगों पर गोलीबारी भी की है. इस फायरिंग में राम गोपाल मिश्रा नाम के एक 22 साल के लड़के की मौत हो गई. इसके बाद अब पूरे जिले में हिंदू समुदाय में काफी गुस्सा है.
इस बीच बहराइच हिंसा को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस हिंसा को चुनाव से जोड़ दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है, ‘चुनाव का आना और साम्प्रदायिक माहौल का बिगड़ जाना, ये इत्तफ़ाक़ नहीं है. जनता सब समझ रही है. हार के डर से हिंसा का सहारा लेना किसकी पुरानी रणनीति है, सब जानते हैं। ये उप चुनाव की दस्तक है. दिखावटी क़ानून-व्यवस्था की जगह अगर सरकार सच में पुख़्ता इंतज़ाम करे तो सब सही हो जाएगा लेकिन ऐसा होगा तब ही जब ये सरकार चाहेगी.’
बहराइच हिंसा को लेकर सपा प्रमुख के ट्वीट पर लोग भड़क गए हैं. लोगों ने अखिलेश के ट्वीट पर कमेंट कर उन्हें खूब सुनाया है. एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि अखिलेश ने गोलीबारी में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के लिए एक शब्द नहीं बोला है. हत्या को चुनावी रंग देकर हत्यारों को बचाने की कला सपा अध्यक्ष को अच्छे से आती है. वहीं, दूसरे व्यक्ति ने लिखा है कि आप (अखिलेश यादव) सिर्फ वा सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं.
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