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राकेश झुनझुनवाला: भारतीय शेयर बाजार के ‘वॉरेन बफेट’ की कहानी….

राकेश झुनझुनवाला: नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल राकेश झुनझुनवाला का आज सुबह मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। एक दिन पहले ही तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार […]

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राकेश झुनझुनवाला: भारतीय शेयर बाजार के ‘वॉरेन बफेट’ की कहानी….
  • August 14, 2022 2:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

राकेश झुनझुनवाला:

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल राकेश झुनझुनवाला का आज सुबह मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। एक दिन पहले ही तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार सुबह मल्टी आर्गन फेलियर के कारण उनकी मृत्यु हो गई। राकेश झुनझुनवाला 62 साल के थे।

आइए जानते हैं राकेश झुनवाला के भारत के वारेन बफे बनने की कहानी….

5 हजार से शुरू हुआ सफर

राकेश झुनझुनवाला का शेयर बाजार में सफर सिर्फ 5 हजार रुपये से शुरू हुआ था। आज जब उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली उस वक्त उनके पास करीब 40 हजार करोड़ रुपये दौलत थी। शेयर बाजार में झुनझुनवाला की सफलता की वजह से ही उन्हें इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट कहा जाता था। बताया जाता है कि जब आम निवेशक शेयर बाजार में अपने पैसे गंवा रहे होते थे, उस समय झुनझुनवाला कमाई करने में सफल रहते थे।

पिता ने नहीं दिया पैसा

राकेश झुनझुनवाला ने भारतीय शेयर बाजार में साल 1985 में कदम रखा था। उन्हें अपने पिता से बाजार में पैसे लगाने की प्रेरणा मिली थी। हालांकि जब पहली बार झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बनाया तो उनके पिता ने उन्हें पैसे देने से इनकार कर दिया था। पिता ने झुनझुनवाला को सख्त हिदायत भी दी थी कि वो किसी दोस्त से पैसे उधार नहीं लें। उनका साफ कहना था कि अगर शेयर बाजार में उतरना है तो पहले उसमें लगाने लायक पैसे अपनी खुद की मेहनत से कमाओ।

टाटा ने चमकाई किस्मत

बता दें कि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश झुनझुनवाला ने 1985 में पांच हजार रुपये का निवेश कर एक इन्वेस्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्हें सबसे बड़ा ब्रेकथ्रू टाटा के शेयर से मिला। जब उन्होंने एक समय टाटा टी के पांच हजार शेयर 43 रुपये के हिसाब से खरीदा, इसके बाद तीन महीने में ही टाटा टी का शेयर काफी चढ़ गया और तब झुनझुनवाला ने इस शेयर को 143 रुपये के हिसाब से बेच डाला। ये साल 1986 की बात है। इस निर्णय से झुनझुनवाला को तीन महीने में ही 2.15 लाख रूपये के निवेश पर पांच लाख रुपये का मुनाफा हुआ था।

टाइटन ने बनाया बिगबुल

राकेश झुनझुनवाला शेयर बाजार में पैसे लगाकर करोड़पतियों की लिस्ट में आ गए थए। तीन साल के अंदर उन्होंने करीब ढाई करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। टाटा समूह की ही एक कंपनी टाइटन ने झुनझुनवाला को बिगबुल बना दिया। साल 2003 में उन्होंने टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसे लगाए। तब उन्होंने तीन रुपये के हिसाब से झुनझुनवाला ने टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीदे। जिनकी वैल्यू बाद में 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

इन कंपनियों में अभी हैं शेयर

बता दें कि निधन के वक्त तक झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में सेल, टाटा मोटर्स, टाटा कम्युनिकेशंस, ल्यूपिन, टीवी18,डीबी रियल्टी, इंडियन होटल्स, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, फेडरल बैंक, करुर वैश्य बैंक, एस्कॉर्ट्स लिमिटेड, टाइटन कंपनी, एमसीएक्स जैसी दिग्गज कंपनियों में शेयर हैं।

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