नई दिल्ली : शेयर मार्केट के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। रविवार सुबह 6.45 बजे निधन हुआ था. रविवार रात 10 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाना है. अब सवाल ये है कि आखिर उनके अंतिम संस्कार में इतना समय क्यों लग रहा है.
62 वर्ष की उम्र में भारत के वॉरेन बफे (Indian Warren Buffett) कहलाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने रविवाद सुबह अंतिम सास ली. रविवार रात उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. दरअसल राकेश झुनझुनवाला के परिवार के कुछ सदस्य और दोस्त हैं जो शहर के बाहर रहते हैं. वो अभी तक नहीं पहुंचे हैं. बस उन्हीं के परिवार जनों और दोस्तों का इंतज़ार किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बिग बुल का अंतिम संस्कार रात 10.30 बजे तक होने की उम्मीद है.
राकेश झुनझुनवाला का शेयर बाजार में सफर सिर्फ 5 हजार रुपये से शुरू हुआ था। आज जब उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली उस वक्त उनके पास करीब 40 हजार करोड़ रुपये दौलत थी। शेयर बाजार में झुनझुनवाला की सफलता की वजह से ही उन्हें इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट कहा जाता था। बताया जाता है कि जब आम निवेशक शेयर बाजार में अपने पैसे गंवा रहे होते थे, उस समय झुनझुनवाला कमाई करने में सफल रहते थे।
राकेश झुनझुनवाला ने भारतीय शेयर बाजार में साल 1985 में कदम रखा था। उन्हें अपने पिता से बाजार में पैसे लगाने की प्रेरणा मिली थी। हालांकि जब पहली बार झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बनाया तो उनके पिता ने उन्हें पैसे देने से इनकार कर दिया था। पिता ने झुनझुनवाला को सख्त हिदायत भी दी थी कि वो किसी दोस्त से पैसे उधार नहीं लें। उनका साफ कहना था कि अगर शेयर बाजार में उतरना है तो पहले उसमें लगाने लायक पैसे अपनी खुद की मेहनत से कमाओ।
बता दें कि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश झुनझुनवाला ने 1985 में पांच हजार रुपये का निवेश कर एक इन्वेस्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्हें सबसे बड़ा ब्रेकथ्रू टाटा के शेयर से मिला। जब उन्होंने एक समय टाटा टी के पांच हजार शेयर 43 रुपये के हिसाब से खरीदा, इसके बाद तीन महीने में ही टाटा टी का शेयर काफी चढ़ गया और तब झुनझुनवाला ने इस शेयर को 143 रुपये के हिसाब से बेच डाला। ये साल 1986 की बात है। इस निर्णय से झुनझुनवाला को तीन महीने में ही 2.15 लाख रूपये के निवेश पर पांच लाख रुपये का मुनाफा हुआ था।
राकेश झुनझुनवाला शेयर बाजार में पैसे लगाकर करोड़पतियों की लिस्ट में आ गए थए। तीन साल के अंदर उन्होंने करीब ढाई करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। टाटा समूह की ही एक कंपनी टाइटन ने झुनझुनवाला को बिगबुल बना दिया। साल 2003 में उन्होंने टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसे लगाए। तब उन्होंने तीन रुपये के हिसाब से झुनझुनवाला ने टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीदे। जिनकी वैल्यू बाद में 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।
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