Rakesh Asthana Verdict:राकेश अस्थाना, देवेंद्र कुमार और एके शर्मा के खिलाफ घूस की FIR रद्द होगी या नहीं इसका फैसला दिल्ली हाई कोर्ट आज सुनाएगा . सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्पथाना पर हैं भ्रष्टाचार के आरोप
नई दिल्ली. Rakesh Asthana Verdict: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई के स्पेशल डॉयरेक्टर राकेश अस्थाना की याचिका को खारिज कर दिया है. अस्थाना की याचिका खारिज करने का मतलब है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच होगी. बता दें कि सीबीआई बनाम सीबीआई विवाद में राकेश अस्थाना, देवेंद्र कुमार और एके शर्मा पर घूस भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था.
भ्रष्टाचार के आरोप की जांच को रोकने के लिए राकेश अस्थाना, देवेंद्र कुमार और एके शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसे शुक्रवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. अब राकेश अस्थाना और सीबीआई ने अन्य वरीय अधिकारी देवेंद्र कुमार और एके शर्मा के खिलाफ जांच की जाएगी.
Delhi High Court dismisses the plea filed by CBI's Spl Director Rakesh Asthana and DySP Devender Kumar plea seeking quashing of FIR filed against them pic.twitter.com/zSmYoZlzsl
— ANI (@ANI) January 11, 2019
सीबीआई डॉयरेक्टर आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ के उनके पद से हटाए जाने के बाद अब देश की निगाहें टिकी थी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर. जहां दिल्ली हाइकोर्ट ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के स्पेशल डॉयरेक्टर राकेश अस्थाना की याचिका पर फैसला सुनाते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
बता दें कि स्पेशल डॉयरेक्टर राकेश अस्थाना सुप्रिटेंडेंट देवेन्द्र कुमार और ज्वाइंट डॉयरेक्टर ए के शर्मा ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया था. इस केस में अस्थाना की याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने 20 दिसंबर 2018 को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
आपको बता दें कि मामले में शिकायतकर्ता हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना ने आरोप लगाया था कि उसने एक मामले में राहत पाने के लिए राकेश अस्थाना को रिश्वत दी थी. सना ने अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, मनमानापन और गंभीर कदाचार के आरोप लगाए थे. मामले में सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मामले में सीबीआई ने 15 अक्टूबर 2018 को अस्थाना के खिलाफ FIR दर्ज करके उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. कारोबारी सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर आरोप लगाए गए हैं. कारोबारी ने आरोप लगाया था कि दुबई के एक बिचौलिये ने विशेष निदेशक से उसके कथित संबंधों की मदद से दो करोड़ रुपये की रिश्वत के बदले उनके लिए राहत का प्रस्ताव रखा था.