Rakesh Asthana Case Officers Transfered: राकेश अस्थाना घूसखोरी मामले की जांच कर रहे CBI अफसर एके बस्सी का अंडमान तबादला, कई अन्य अफसरों के भी ट्रांफसर

Rakesh Asthana Case Officers Transfered: राकेश अस्थाना घूसखोरी मामले की जांच कर रहे अफसरों का तबादला कर दिया गया है. एके बस्सी को पोर्ट ब्लेयर तो एडिश्नल एसपी एसएस गम का ट्रांसफर जबलपुर कर दिया गया है. इससे पहले सीबीआई ने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था, जिन्हें कोर्ट ने मंगलवार को 7 दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया था.

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Rakesh Asthana Case Officers Transfered: राकेश अस्थाना घूसखोरी मामले की जांच कर रहे CBI अफसर एके बस्सी का अंडमान तबादला, कई अन्य अफसरों के भी ट्रांफसर

Aanchal Pandey

  • October 24, 2018 12:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. सीबीआई में चल रहा बवाल और बढ़ गया है. सरकार ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है, जिसके बाद एजेंसी में बुधवार को तबादलों की झड़ी लग गई. राकेश अस्थाना घूसखोरी मामले की जांच कर रहे अफसरों का तबादला कर दिया गया है. सीबीआई के डिप्टी एसपी एके बस्सी का तुरंत प्रभाव से पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है. वहीं एडिश्नल एसपी एसएस गम को जबलपुर भेजा गया है. सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा, डीआईजी तरुण गौबा, डीआईजी जसबीर सिंह, डीआईजी अशीष प्रसाद, डीआईजी केआर चौरसिया, HOB रामगोपाल और एसपी सतीश डगर का भी तबादला/नियुक्ति की गई है. अब डीआईडी तरुण गौबा, एसपी सतीश डगर और जॉइंट डायरेक्टर वी मुरुगेसन की नई टीम राकेश अस्थाना मामले की जांच करेगी.

नरेंद्र मोदी सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना से सारी शक्तियां छीन ली हैं और जॉइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर बनाया है. सीबीआई के चीफ और नंबर 2 के बीच चल रही लड़ाई को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. राकेश अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मीट कारोबारी मोइन कुरैशी मामले में घूस ली है, जिसके बाद सीबीआई ने उन पर एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई के इतिहास में पहली बार एेसा हुआ था कि एजेंसी ने अपने ही नंबर 2 अफसर पर एफआईआर दर्ज की.

मोइन कुरैशी मामले के जांच अफसर और डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ घूस मामले में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए गिरफ्तार किया था. उन्हें मंगलवार को कोर्ट ने 7 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया. सीबीआई ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामने कर रहे कुरैशी ने केस को निपटाने के लिए उन्हें रिश्वत दी थी.

एजेंसी ने कहा कि कुमार ने कुरैशी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया और दिखाया कि उन्होंने 26 सितंबर 2018 को कुरैशी का बयान रिकॉर्ड किया, जबकि जांच में पता चला कि वह उस दिन दिल्ली में था ही नहीं. वह हैदराबाद में था और 1 अक्टूबर 2018 को जांच में शामिल हुआ. सीबीआई का कहना है कि दिसंबर 2017 और लेकर अक्टूबर 2018 के बीच करीब पांच बार घूस दी गई.

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