नई दिल्लीः राज्यसभा से आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन आपराधिक विधेयक, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 पारित हो गए है। साथ ही टेलिकॉम बिल राज्यसभा से और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति संबंधी विधेयक लोकसभा से पास हो गया है। इसके साथ ही संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। दूसरी तरफ विपक्षी सांसदों का संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। साथ ही सरकार से जवाब की मांग कर रहे हैं।
राज्यसभा से आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन आपराधिक विधेयक, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 पारित हो गए है। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीनों विधेयकों का उद्देश्य दंड देने का नहीं बल्कि न्याय देने का है। नए आपराधिक कानूनों से बार – बार कोर्ट का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा और तीन साल में न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम न्याय की गती को बढ़ाएगे। कानूनों को सरल और भारतीय बनाएंगे।
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण बढ़े आतंकवाद के कारण 70,000 से अधिक लोग मारे गए है।
समाचार पत्र पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने वाले विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। प्रेस और पत्रिकाओं का पंजीकरण विधेयक, 2023 को लोकसभा में ध्वनिमत से पास किया गया। लोकसभा ने इस विधेयक को तीन अगस्त को पारित कर दिया था। यह विधेयक प्रेस और पुस्तकों का पंजीकरण (पीआरबी) अधिनियम, 1867 की जगह लेगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह विधेयक सरल है और इसमें समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के पंजीकरण के लिए एक साथ प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। इससे पहले समाचार पत्रों या पत्रिकाओं को आठ राउंड की पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। अब यह काम ऑनलाईन किया जा सकता है।
टेलीकॉम बिल 2023 को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई है। बता दें कि बुधवार को लोकसभा से इस बिल को मंजूरी मिल चुकी है। ये विधेयक टेलीकॉम बिल 2023, टेलीग्राफ एक्ट 1885, इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1993 और टेलीग्राफ वार्यस एक्ट 1950 की जगह लेगा।
लोकसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों से संबंधि विधेयक पारित हो गया है। यह विधेयक राज्यसभा से पहले ही पारित करा लिया गया था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहीं मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बता दें कि गुरुवार यानी 21 दिसंबर संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। वहीं सत्र के आखिरी दिन भी तीन विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया। बता दें कि संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर विपक्ष लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। साथ ही गृह मंत्रालय से सफाई मांग रहा है।
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