लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शानदार जीत मिली थी. इस जीत के जरिए पार्टी राज्यसभा में भी अपनी ताकत में इज़ाफ़ा करेगी। चुनाव आयोग ने गुरुवार को 15 राज्यों की 57 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसमें यूपी की 11 सीटें भी है. इन सीटों […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शानदार जीत मिली थी. इस जीत के जरिए पार्टी राज्यसभा में भी अपनी ताकत में इज़ाफ़ा करेगी। चुनाव आयोग ने गुरुवार को 15 राज्यों की 57 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसमें यूपी की 11 सीटें भी है. इन सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे। फिलहाल विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर बीजेपी आसानी से 7 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकती है. लेकिन दोनों दलों के बीच लड़ाई 11वीं सीट को लेकर होगी।
यूपी विधानसभा चुनाव में पहले बीजेपी ने बहुमत के साथ जीत दर्ज की उसके बाद यूपी विधान परिषद के चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल कर समाजवादी पार्टी को अच्छे अंकों से मात दी। अब इसके बाद पार्टी की नजर राज्यसभा चुनाव में है। बीजेपी को 7 सीटों पर जीत मिलनी तय है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी के पांच, समाजवादी पार्टी के 3 , बहुजन समाजवादी पार्टी के 2 और कांग्रेस के 1 राज्य सभा सदस्य का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. इस बार का मुख्य मुकाबला बीजेपी और एसपी के बीच है। नई विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी 11 सीटों में से 7 सीटें जीत सकती है लेकिन उसे आठवीं सीट के लिए विपक्षी दलों में सेंध मारी करनी होगी। जबकि समाजवादी पार्टी अपने गठबंधन सहयोगी के साथ मिलकर आराम से 3 सीटें जीत सकती है. बताया जा रहा है कि 11वीं सीट के लिए बीजेपी सपा के बीच मुकाबला होगा गौरतलब है कि राज्यसभा की एक सीट के लिए 37 विधायकों की वोटों की जरूरत होगी।
राज्यसभा में यूपी के कोटे से कुल 31 सदस्य चुने जाते हैं और इनमें से 11 सीटें 4 जुलाई को खाली हो रही है. जिन 11 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें बीजेपी के 5, सपा के 3, बीएसपी के 2 और कांग्रेस के 1 सदस्य शामिल है. बीजेपी के शिव प्रताप शुक्ला, सैयद जफर इस्लाम, संजय सेठ, सुरेंद्र सिंह नागर, जयप्रकाश निषाद और सपा के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमन सिंह और विशंभर प्रसाद निषाद, कांग्रेस के कपिल सिब्बल और बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल सपा गठबंधन के विधायकों की कुल संख्या 125 है और राज्यसभा की एक सीट के लिए कम से कम 37 विधायकों का वोट जरूरी है. इसके हिसाब से समाजवादी पार्टी 3 सीटों पर आराम से जीत डार्क कर लेगी, जबकि बीजेपी अपने सदस्यों की संख्या के अनुसार 7 सीटें जीतेगी जिसके बाद बीजेपी गठबंधन के 14 वोट बचेंगे वहीं सपा के पास भी 14 वोट अतिरिक्त होंगे ऐसे में मुकाबला दोनों ही दलों के बीच होगा और जो भी दल सेंधमारी करने में सफल रहेगा जीत उसी की होगी, यानी 11वीं सीट उसी को मिलेगी।