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राज्यसभा में वीडियो रिकॉर्ड करने पर रजनी पाटिल निलंबित, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: सदन की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्ड करने के मुद्दे पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़ ने बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें, सभापति जगदीप धनखड़ ने रजनी पाटिल को बजट सत्र के आखिरी दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार को इस मामले में कार्रवाई की बात कही थी। भाजपा […]

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राज्यसभा में वीडियो रिकॉर्ड करने पर रजनी पाटिल निलंबित, जानें पूरा मामला
  • February 11, 2023 3:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: सदन की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्ड करने के मुद्दे पर भड़के सभापति जगदीप धनखड़ ने बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें, सभापति जगदीप धनखड़ ने रजनी पाटिल को बजट सत्र के आखिरी दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार को इस मामले में कार्रवाई की बात कही थी। भाजपा सांसद जीबीएल नरसिम्हा राव और पीयूष गोयल ने रजनी पाटिल को नियम 256 के तहत सत्र के शेष दिनों के लिए निलंबित करने की अपील की थी।

 

1. नियम 256 क्या है?

आपको बता दें, राज्यसभा की प्रक्रिया पुस्तक के नियम 256 में कहा गया है कि संसद द्वारा बनाए गए कानून का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यदि कोई सदस्य ऐसा करता है और सभापति आवश्यक समझे तो वह उस सदस्य को निलम्बित कर सकता है, यदि कोई बार-बार राज्य सभा की कार्यवाही में बाधा डालता है या नियमों का दुरुपयोग करता है तो उसके विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा। सभापति सत्र के अंत तक उपरोक्त अवधि के लिए राज्यसभा सेवा सदस्य को निलंबित कर सकते हैं। खास बात यह है कि निलंबन के तुरंत बाद संबंधित सदस्य को सदन छोड़ना पड़ता है।

2. किस आरोप के आधार पर हुई कार्रवाई?

मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेता रजनी पाटिल पर संसदीय कार्यवाही रिकॉर्ड करने का आरोप है। संसदीय मामलों के विशेषज्ञ सूरज मोहन झा ने कहा कि लोकसभा हो या राज्यसभा, किसी भी सदन में वीडियो रिकॉर्डिंग प्रतिबंधित है, यहाँ तक ​​कि सदन के अंदर मोबाइल फोन पर बात भी नहीं की जा सकती। सभी लोगों के फोन बाहर जमा होते हैं, यह पहले से ही नियम है। रजनी पाटिल को इसी अवमानना ​​के लिए धारा 256 के तहत निलंबित कर दिया गया था। किसान बिल के समय तत्कालीन सांसद भगवंत मान ने भी रिकॉर्ड किया था और सस्पेंड भी हुए थे.

 

3. क्या निलंबन वापस किया जा सकता है?

यदि सदन के अध्यक्ष किसी सदस्य को निलंबित करते हैं, तो निलंबन हटाना भी उनके विवेक पर होगा। यदि संबंधित सदस्य माफी माँगता है, तो सभापति इसे रद्द कर सकता है। इसके अतिरिक्त इस निलंबन के विरुद्ध सदन में प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जा सकता है, यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो निलंबन अपने आप हट जायेगा।

 

4. क्या बोले धनखड़

मिली जानकारी के अनुसार, धनखड़ ने कहा, “कल सार्वजानिक तौर पर ट्विटर पर सदन की कार्यवाही से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया था। इस अशोभनीय गतिविधि में रजनी अशोकराव पाटिल शामिल थीं। जो भी हुआ इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

 

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