नई दिल्ली. ईरोड वेंकट नायकर रामसामी पेरियार को द्रविड़ आंदोलन का जनक कहा जाता है. हाल ही में रजनीकांत ने तमिलनाडु में एक इंटरव्यू में पेरियार पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि पेरियार हिन्दू देवी देवाओं को गलत तरीके से बताते थे और बयानबाजी करते थे.इसे लेकर राज्य में बवाल मच गया और रजनीकांत के खिलाफ द्रविड़ विधुथलाई कझगम के सदस्यों ने एफआईआर भी दर्ज कराई गई.लेकिन रजनीकांत ने माफी मांगने से इंकार कर दिया है.
रजनीकांत ने कहा-मैं अपने द्वारा दिए बयान से कभी पीछे नहीं हटूंगा. मीडिया में भी पेरियार को लेकर कई तरह की खबरे छपी हैं. मैं आपको उसकी कॉपी दिखा सकता हूं. साथ ही उन्होंने कई मैगजीन और अखबारों की कॉपी भी दिखाई, जिसमें बताया गया है कि पेरियार के नेतृत्व में साल 1971 में एक रेली निकाली थी जिसमें राम और सीता को फोटो में बिना वस्त्र के दिखाया गया.साथ ही भगवान के इन फोटो पर जूतों की माला भी पहनाई गई.
अपने बयान पर रजनीकांत का कहना है कि मैंने वही कहा है जो देखा और पढ़ा हूं. इसलिए मैं माफी नहीं मागूंगा. रजनीकांत के माफी मांगने से इंकार करने के बाद उनके फैंस ट्विटर पर उनके सपोर्ट में आगे आए और उनके निर्णय को सही बताया. वहीं साथ ही कुछ लोग उनके इस फैसले से नाराज भी हैं. ट्विटर पर रजनीकांत को लेकर ऐसा धमासान हुआ कि ये नबंर वन ट्रेंड करने लगा.
ट्विटर पर यूजर्स के रिएक्शन-
पेरियार के बारे में– ईरोड वेंकट नायकर रामसामी पेरियार को थंथई पेरियार के नाम से जाना जाता है. उन्हें एशिया का सुकरात भी कहा जाता है. साल 1879 में पेरियार का जन्म भले ही एक धार्मिक हिंदू परिवार में हुआ हो लेकिन जीवनभर वह हिंदु कुरीतियों पर विरोध जताते रहें. धर्म और आस्था के साथ ही वह भारतीय राजनीति के विवादित हस्तियों में से हैं. लेकिन इसके साथ ही दलित और छोटी जातियों को समाज में विशेष दर्जा दिलाने में पेरियार की अहम भूमिका मानी जाती है.
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