Rajasthan Political Update: सचिन पायलट समर्थक विधायक का दावा है कि अशोक गहलोत खेमे के 10 से 15 विधायक उनके संपर्क में हैं और जैसे ही उन्हें फ्री किया जाएगा वे सचिन पायलट खेमे के साथ आ जाएंगे. पायलट कैम्प के विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि अशोक गहलोत खेमे के 10- से 15 विधायक से वो संपर्क में हैं. हेमाराम चौधरी के मुताबिक उनका दावा है कि जैसी ही उन्हें फ्री किया जाता है, वे उनके साथ आ जाएंगे.
जयपुर: राजस्थान की सियासत हर दिन दिलचस्प और नया मोड़ लेती जा रही है. सचिन पायलट कैंप का दावा है कि अशोक गहलोत खेमे के 10 से 15 विधायक उनके संपर्क में है. दूसरी तरफ फ्लोर टेस्ट पर अड़ी सीएम गहलोत की सरकार को हाईकोर्ट से भले ही बीएसपी विधायकों के विलय के खिलाफ लगाई गई याचिका पर बड़ी राहत मिली हो लेकिन सचिन पायलट खेमे के दावे ने उनके माथे पर चिंता की लकीरें जरूर बना दी हैं.
सचिन पायलट समर्थक विधायक का दावा है कि अशोक गहलोत खेमे के 10 से 15 विधायक उनके संपर्क में हैं और जैसे ही उन्हें फ्री किया जाएगा वे सचिन पायलट खेमे के साथ आ जाएंगे. पायलट कैम्प के विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि अशोक गहलोत खेमे के 10- से 15 विधायक से वो संपर्क में हैं. हेमाराम चौधरी के मुताबिक उनका दावा है कि जैसी ही उन्हें फ्री किया जाता है, वे उनके साथ आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि जैसे ही अशोक गहलोत प्रतिबंध हटाते हैं वैसे ही साफ हो जाएगा कि उनके पाले में कितने विधायक हैं और सचिन पायलट खेमे में कितने विधायक हैं.
इस पूरे प्रकरण पर हैरानी जताते हुए कांग्रेस पार्टी राज्यपाल के रवैये पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस ने राज्यपाल की भूमिका को लेकर सोमवार को पूरे देश में राज भवनों के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के संचालन में राज्यपालों की भूमिका अहम होती है. राज्यपाल विधानसभा का सत्र कब आयोजित करने के साथ ही विधायकों को समन जारी कर सकते हैं और यदि मुख्यमंत्री बहुमत साबित करना चाहते है तो राज्यपाल विधान सभा की बैठक बुला सकते हैं. चिदंबरम ने कहा कि राजस्थान में कैबिनेट के फैसले को लेकर राज्यपाल ने जो भूमिका निभाई है वह हैरान और स्तब्ध करने वाली है.