Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस में विलय करने वाले BSP विधायकों को राजस्थान HC का नोटिस, विधानसभा स्पीकर से भी मांग जवाब

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासत में अब बसपा ने जोरदार एंट्री मारी है. दरअसल बसपा की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा चूनाव के बाद कांग्रेस में विलय करने वाले 6 बीएसपी विधायकों, विधानसभा स्पीकर और विधानसभा सचिव को नोटिस भेजा है. अदालत ने इन सभी से 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा है.

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Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस में विलय करने वाले BSP विधायकों को राजस्थान HC का नोटिस, विधानसभा स्पीकर से भी मांग जवाब

Aanchal Pandey

  • July 30, 2020 5:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच हाईकोर्ट की एक नोटिस ने मामले को और दिलचस्प बना दिया है. दरअसल यह नोटिस 6 बसपा विधायकों से जुड़ी है जिन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में विलय कर लिया था. इसी को लेकर बसपा ने अब हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें बसपा की तरफ से वरिष्ठ वकील सतीश चंद्र मिश्र ने दलीले रखीं. बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी रसाकस्सी के बीच बसपा ने भी जोरदार एंट्री मारी है.

बसपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस में विलय करने वाले 6 बीएसपी विधायकों और विधानसभा स्पीकर और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है. अदालत ने इन सभी से 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा है. सुनवाई के दौरान बसपा ने अदालत में दलील दी कि वो एक राष्ट्रीय पार्टी है, ऐसे में राज्य स्तर पर विधायक किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं कर सकते हैं.

बसपा का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ वकील सतीश चंद्र मिश्र इस मामले में लखनऊ से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. अदालत में उन्होंने हरियाणा के कुलदीप विश्नोई मामले और जगजीत सिंह मामले का हवाल दिया है. सतीश मिश्र ने कहा कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है ऐसे में राज्य स्तर पर फैसला मान्य नहीं है. दलील दी गई है कि पूरे दल का विलय राष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है. सुनवाई में बीएसपी की ओर से स्पीकर पर आरोप लगाया गया और कहा गया कि स्पीकर जानबूझकर पूरे मामले को खींच रहे हैं.

बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी में अपना विलय कर लिया था. बीते दिनों बसपा की ओर से व्हिप जारी किया गया था कि विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें. जिसपर विधायकों का कहना था कि वो अब कांग्रेस में हैं और अशोक गहलोत के साथ हैं, बसपा का व्हिप मान्य नहीं होता है.

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