Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासी उठापठक के बीच बीजेपी विधायक ने राजस्थान हाईकोर्ट में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका की है. बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने दायर की अपनी इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की निष्क्रियता को भी चुनौती दी गई है. आज राजस्थान हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए पायलट गुट को दिए स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर स्टे लगा दिया.
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में सियासी उठापटक का दौर तेज होता जा रहा है. शुक्रवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए पायलट गुट को दिए स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर स्टे लगा दिया. साथ ही यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. इस बीच अब बीजेपी के एक विधायक ने राजस्थान हाईकोर्ट में आज एक याचिका दायर की है. बीजेपी विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस के साथ हुए विलय को रद्द करने का अनुरोध किया है.
बसपा विधायकों के विलय के बाद राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को विधानसभा में बहुमत बरकरार रखने में मदद मिली है. बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने दायर की अपनी इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की ‘निष्क्रियता’ को भी चुनौती दी गई है, जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने के उनके अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है. राजस्थान हाईकोर्ट सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगा.
बता दें, विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल 18 सितंबर को एक आदेश पारित किया था, जिसमें घोषणा की गई थी कि बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस का अभिन्न अंग माना जाएगा. बसपा विधायक 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में एक समूह के तौर पर शामिल हुए थे, ताकि दल बदल विरोधी कानून के तहत उनपर कोई कार्रवाई न हो.
राजस्थान हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए पायलट गुट को दिए स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर स्टे लगा दिया. साथ ही यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. दूसरी ओर हाईकोर्ट के फैसले बाद अब सीएम अशोक गहलोत ने मोर्चा संभाला है. गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए हैं. सीएम गहलोत अब जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराना चाहते हैं. उनकी कोशिश है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए, जिससे वो आश्वस्त कर सकें कि उनकी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है.