जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को कामयाबी मिली थी. अशोक गहलोत एक बार फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री बने ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि 2019 लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहेगा. लेकिन 2019 में भी राजस्थान ने 2014 लोकसभा का ही किस्सा दोहराया. राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में दोबारा एनडीए ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई. चुनावों में करारी हार के बाद राजस्थान कांग्रेस भी दो खेमों में बंट गया है. एक तरफ राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट हैं तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा ने सीएम अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर दी है.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी जोधपुर से चुनाव हार गए थे. जोधपुर जो अशोक गहलोत की पारंपरिक सीट मानी जाती है. ऐसे में हाल ही में अशोक गहलोत ने कहा था कि सचिन पायलट के नेतृत्व में राज्य में चुनाव लड़ा गया. वैभव के जीतने का दावा भी वो जोर-शोर से कर रहे थे. ऐसे में उन्हें हार की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, पी चिदंबरम, अशोक गहलोत से नाराज चल रहे थे. राहुल गांधी का कहना था कि कांग्रेस के सीनियर लीडर अपने बेटों को चुनाव लड़ाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे. ऐसे में अब कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा ने अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर राजस्थान का सियासी गणित उलझा दिया है.
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भी उठी थी सचिन पायलट को CM बनाने की मांग
सचिन पायलट वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिवंगत राजेश पायलट के बेटे हैं. उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. सचिन पायलट एक तेज तर्रार युवा नेता माने जाते हैं. ऐसे में राजस्थान विधानसभा चुनावों में जीत के बाद सचिन पायलट के समर्थकों का एक बड़ा खेमा उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहता था. राजस्थान में कई जगह गहलोत और पायलट के समर्थकों में झड़प की भी खबरें आई थीं. सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पार्टी पर उनकी पकड़ भी अच्छी है. कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए कहा,” सचिन पायलट CM बनना चाहिए, उसकी वजह से बहुमत आया था. अशोक गहलोत का प्रभाव नहीं रहा अब. जाट नाराज, गुर्जर नाराज, वोट देगा कौन? युवा आदमी सीएम बनता है कुछ करता है.”
टोंक में कांग्रेस विधायक बैठे हैं आमरण अनशन पर
राजस्थान के टोंक जिले में एक ट्रैक्टर चालक की संदिग्ध परिस्थितियों हुई मौत के मामले पर कांग्रेस विधायक एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक हरीश मीणा तीन दिन तक अनशन पर बैठे रहे. जब सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया. उनके साथ एक अन्य विधायक गोपीचंद मीणा भी आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. दरअसल टोंक के उनियारा थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा की गई पिटाई से ट्रैक्टर चालक भजनलाल की मौत का मामला सामने आया है. राजस्थान के पूर्व पुलिस महानिदेशक रहे हरीश मीणा ने सरकार पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाया है. धरने और आंदोलन के मद्देनजर पूरा नगरफोर्ट कस्बा छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
क्या कांग्रेस में आमूलचूल बदलाव करेंगे राहुल गांधी
गौरतलब है कि कांग्रेस ने पिछले साल तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कामयाबी दर्ज की थी. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि इन तीनों राज्यों में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी. लेकिन चुनाव परिणाम कांग्रेस की अपेक्षाओं के विपरीत आए. ऐसे में कांग्रेस का अंदरूनी कलह सतह पर आ गया है. सचिन पायलट के समर्थक उन्हें सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं वहीं अशोक गहलोत के पास भी समर्थकों का एक बड़ा वर्ग है. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस आमूलचूल परिवर्तन की दिशा में बढ़ रही है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी को संगठन में ढांचागत बदलाव के लिए अधिकृत किया गया था.
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