Rajasthan Government Crisis: आलाकमान ने अपने तेज तर्रार प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को तत्काल जयपुर रवाना होने का संदेश भेजा. रणदीप सिंह सुरजेवाला चार्टर्ड प्लेन से जयपुर पहुंचे. रात 2:30 बजे व्हिप जारी किया कि अगले दिन विधायक दल की बैठक है और व्हिप के जरिए सभी विधायकों को टूक चेतावनी दी गई कि मीटिंग में नदारद रहे तो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ेगा. कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे की बहुत ही अहम भूमिका रही. अविनाश पांडे जयपुर में डट गए और विधायकों को एकजुट बनाए रखने की रणनीतियों पर काम करते रहे. आलाकमान ने पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल को भी जयपुर भेज दिया. उन्होंने भी विधायकों को भरोसा दिलाया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और वे किसी की बातों में बिल्कुल न आएं.
जयपुर: कांग्रेस ने आखिरकार राजस्थान में मध्य प्रदेश जैसा तख्तापलट होने से बचा ही लिया. सचिन पायलट के बगावत की खबर आते ही कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो गया. समय रहते सही फैसले लिए गए जिससे हालात बिगड़ने से बच गए. गहलोत सरकार को अभी भी 109 विधायकों का समर्थन हासिल है. गलहोत सरकार को बचाने का श्रेय कांग्रेस आलाकमान के कुछ लोगों को जाता है. जिनमें सबसे बड़ा नाम है रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस आलाकमान ने अपने तेज तर्रार प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को तत्काल जयपुर रवाना होने का संदेश भेजा. रणदीप सिंह सुरजेवाला चार्टर्ड प्लेन से जयपुर पहुंचे. जयपुर पहुंचते ही उन्होंने ताबड़तोड़ विधायकों से संपर्क कर उन्हें साधे रखने की कवायद शुरू की.
रात 2:30 बजे व्हिप जारी किया कि अगले दिन विधायक दल की बैठक है और व्हिप के जरिए सभी विधायकों को टूक चेतावनी दी गई कि मीटिंग में नदारद रहे तो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ेगा. दूसरी तरफ बागी हुए डिप्टी सीएम सचिन पायलट से सुलह की गुंजाइश को रखते हुए उन्होंने पायलट का नाम लेकर कहा कि उनके सहित सभी विधायकों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले थे, खुले हैं और खुले ही रहेंगे. कभी सख्त तो कभी नर्म वाली नीति काम कर गई और सरकार बच गई.
गहलोत सरकार को बचाने में राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे की बहुत ही अहम भूमिका रही. अविनाश पांडे जयपुर में डट गए और विधायकों को एकजुट बनाए रखने की रणनीतियों पर काम करते रहे. कांग्रेस आलाकमान ने सुरजेवाला के साथ दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन को भी जयपुर भेजा था. माकन ने सभी बागी विधायकों से बात कर उन्हें एकजुटता की नसीहत दी.
सोमवार सुबह होते-होते कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल को भी जयपुर भेज दिया. उन्होंने भी विधायकों को भरोसा दिलाया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और वे किसी की बातों में बिल्कुल न आएं. इन सबके बीच संकट को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने पर्दे के पीछे से खुद मोर्चा संभाला हुआ था. प्रियंका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से संपर्क बनाई हुई हैं. शायद यही वजह है कि पायलट कैंप की तरफ से भी सुलह के संकेत मिलने लगे हैं.