नई दिल्लीः राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। इसे लेकर राजनीतिक पार्टीयां प्रदेश में लगातार जनसभाएं और रैलियां कर रहे है। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से मदतान की तारिखों का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन उम्मीद लगाई जा रही है साल के अंत तक विधानसभा चुनाव […]
नई दिल्लीः राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। इसे लेकर राजनीतिक पार्टीयां प्रदेश में लगातार जनसभाएं और रैलियां कर रहे है। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से मदतान की तारिखों का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन उम्मीद लगाई जा रही है साल के अंत तक विधानसभा चुनाव कराया जा सकता है। इस सब के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉनफ्रेस कर चुनाव को लेकर अपडेट दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार बूजुर्ग मतदाताओं या दिव्यांग लोगों के लिए घर से वोट डालने की सुविधा होगी। इसके लिए उन्हें फॉर्म भी भरना होगा।
क्या कहा मुख्य चुनाव आयु्क्त ने
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉनफ्रेस कर कहा कि राजस्थान में पहली बार बूजुर्ग मतदाताओं या दिव्यांग लोगों के लिए घर से वोट डालने की सुविधा होगी। उन्होंने इस बात को भी दोहराया की मतदान अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि उम्मीदवारों को अखबार में विज्ञापनों के माध्यम से अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही राजनीतिक दलों को उम्मीदवार चुनने के अपने कारण भी बताने होंगे। उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदान करने में सुविधा बढ़ाने के लिए पहल की गई है।
उन्होंने कहा कि उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए नो योर कैंडिडेट ऐप लॉन्च किया है। इसमें वोटर का नॉमिनेशन , संपति और पैसे की लेन- देन की जानकरी देने होगी। अगर कोई उम्मीदवार की आपाराधिक रिकॉर्ड रही है तो उन्हें इस जानकारी को कम से कम 3 प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाना होगा। इसके साथ पार्टी को उम्मीदवार को लेकर स्पष्टीकरण भी देना होगा।
वही राजस्थन में कुल 5.25 करोड़ वोटर्स है, जिनमें 2.73 करोड़ पुरूष , 2.51 करोड़ महिलाएं और 604 ट्रांसजेंडर शामिल है। राजीव कुमार ने कहा कि इनमे से 18,462 मददाता 100 साल से अधिक उम्र की है। 11. 8 लाख वोटर 80 साल से अधिक उम्र के है। वहीं 21.9 लाख वोटर्स ऐसे है जो पहली बार वोट डोलेंगे।