Rajasthan Congress Crisis: जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गहलोत और पायलट गुट एक दूसरे के आमने-सामने हैं। एक तरफ जहां पायलट खेमा चाहता है कि गांधी परिवार सचिन पायलट को सीएम पद की कुर्सी देकर अपना वादा पूरा करें, वहीं सीएम गहलोत का गुट इसके सख्त खिलाफ […]
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गहलोत और पायलट गुट एक दूसरे के आमने-सामने हैं। एक तरफ जहां पायलट खेमा चाहता है कि गांधी परिवार सचिन पायलट को सीएम पद की कुर्सी देकर अपना वादा पूरा करें, वहीं सीएम गहलोत का गुट इसके सख्त खिलाफ है। बताया जा रहा है कि गहलोत का समर्थन करने वाले 90 विधायकों ने आलाकमान को धमकी भरे अंदाज में कहा है कि मुख्यमंत्री का चयन अशोक गहलोत की पंसद के आधार पर होगा।
राजस्थान कांग्रेस के करीब 90 विधायकों ने रविवार रात को पार्टी आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी। इसके साथ ही उन्होंने शीर्ष नेतृत्व पर दबाव डालने के लिए विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया।
1- कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद हो नए मुख्यमंत्री का चयन।
2- संकट के वक्त सरकार के साथ रहने वाले 102 विधायकों में से ही नया सीएम चुना जाए।
3- अशोक गहलोत की सहमति के बाद ही नए सीएम का चेहरा तय किया जाए।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में हुई इस बगावत पर सख्त है। शीर्ष नेतृत्व ने गहलोत समर्थक विधायकों की किसी शर्त को मानने से इनकार कर दिया है। वहीं, पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान गए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि ये इस्तीफा कांड गहलोत की मर्जी से हुआ है। दूसरी तरफ पायलट खेमे में शांति बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राजधानी दिल्ली आएंगे। यहां पर वो कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान के हालिया घटनाक्रम की रिपोर्ट सौंपेंगे।
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