नई दिल्ली. दक्षिण हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी राजन राव (Rajan Rao) ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने पिता अजय मिश्रा के तत्काल इस्तीफे की भी मांग की। गृह मंत्रालय देश और उसके नागरिकों की आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और अजय मिश्रा जैसे व्यक्ति को ऐसे मंत्रालय का मंत्री नहीं होना चाहिए, जब उनका अपना बेटा निर्दोष प्रदर्शनकारी किसानों की हत्या का ज़िम्मेदार है। ये बहुत ही शर्मनाक बात है कि उनका बेटा अभी भी पुलिस कि गिरफत से आज़ाद है। इससे यही साबित होता है कि भाजपा सरकार के लिए किसानों के जीवन का कोई मूल्य नहीं है।
लखीमपुर खीरी की घटना कुछ दिन पहले अजय कुमार मिश्रा द्वारा कही गई बातों का परिणाम प्रतीत होता है। वह विरोध करने वाले किसानों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करते हुए वीडियो में पकड़ा गए जिसमे वो कह रहे हैं कि अगर किसान उसके सामने होते, तो वह 2 मिनट में उन्हें अनुशासित करते।
भाजपा की गोदी मीडिया मंत्रीजी के बेटे को बचाने के लिए झूठे आख्यान के माध्यम से तथ्यों में हेरफेर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाने की कोशिश की, कि किसानों ने एसयूवी के काफिले पर पथराव किया, जिससे चालक नियंत्रण खो बैठा और परिणामस्वरूप किसानों और विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकार की मौत हो गई। बीजेपी आईटी सेल भी इस झूठी कहानी को बेचने की कोशिश में हरकत में आई। लेकिन बाद में जो वीडियो सामने आए हैं उसने भाजपा के झूठ का पर्दाफाश कर दिया।
वीडियो से ये साबित हो गया कि किसान शांति से सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे और एसयूवी बड़ी तेजी से पीछे से आती है और उन पर दौड़ती है, जिसमें चार की मौत हो जाती है और कई अन्य घायल हो जाते हैं। किसानों को कुचलने के बाद भी एसयूवी की रफ्तार धीमी नहीं हुई।
एक तरफ जहां अपनी सत्ता के नशे में धुत भाजपा सरकार है, वही दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मृतकों के परिवारों के पास जाकर शोक संवेदना व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश सरकार विपक्ष से इतनी डरी हुई थी कि उन्होंने आशीष मिश्रा को सलाखों के पीछे डालने के बजाय विपक्षी नेताओं को नजरबंद में डाल दिया।
इस घटना ने भाजपा और कांग्रेस के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है। भाजपा की निर्दयता और कांग्रेस द्वारा प्रदर्शित करुणा सबके सामने है। हिरासत और अन्य बाधाओं में लिए जाने के बावजूद, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने, मृतक के परिवारों से मिले बिना राज्य नहीं छोड़ा।
भाजपा जिसके पास किसानों के विरोध का कोई जवाब नहीं है, यह सोचती है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों से जुड़ना उनकी गरिमा के नीचे है। भाजपा अब हिंसा का सहारा ले रही है। हरियाणा में लाठीचार्ज और उत्तर प्रदेश में किसानों पर कार चलाना कोई इक्का-दुक्का घटना नहीं है, बल्कि किसानों को डराने और उनके विरोध को हमेशा के लिए रोकने के लिए भाजपा द्वारा अपनाए गए नए गेम प्लान का हिस्सा है।
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