नई दिल्ली. Rajan Rao on Crime in Haryana: प्रदेश में बढ़ते अपराध के लिए कांग्रेस के दक्षिण हरियाणा प्रभारी राजन राव ( Rajan Rao ) ने प्रदेश की भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने सरकार को अपराध रोकने में विफल बताते हुए कहा कि मौजूदा दौर में प्रदेश अपराधियों की शरण स्थली बन गया है।
मनोहर लाल खट्टर सरकार अपराध पर नरम
मनोहर लाल खट्टर सरकार अपराध पर नरम है और हरियाणा को अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह में बदलने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट साफ तौर पर यह साबित करती है। Rajan Rao ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख राज्यों में शामिल हरियाणा में देश में सबसे कम चार्जशीट दर 39.7% रही।
हरियाणा में कुल अपराध 1,92,395
इस साल पूरे हरियाणा में कुल अपराध 1,92,395 दर्ज किए गए। जबकि राष्ट्रीय औसत 82.5% था। इसका मतलब यह है कि राज्यों में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) और एसएलएल (विशेष और स्थानीय कानून) अपराधों के सभी मामलों में हरियाणा पुलिस ने प्रति 100 मामलों में सबसे कम आरोप पत्र दायर किए। उत्तर प्रदेश और बिहार जो देश में अपराध केंद्र होने के लिए कुख्यात हैं, में क्रमशः 83.1% और 79.2% की बेहतर चार्जशीट दर थी।
2020 में 656 मामलों के साथ हरियाणा में साइबर अपराध
आरोप पत्र की कम संख्या भी राज्य में बढ़ती अपराध दर के लिए जिम्मेदार है साइबर क्राइम की बात करें तो तस्वीर और भी निराशाजनक हो जाती है। 2020 में 656 मामलों के साथ हरियाणा में साइबर अपराध में 16.3% की वृद्धि हुई। अपराध साबित करने के लिए दर जो 2019 में 13% थी, 2020 में गिरकर शून्य हो गई।
उन्होंने कहा कि विभिन्न अध्ययनों से यह साबित होता है कि साइबर अपराध महिलाओं को असमान रूप से प्रभावित करते हैं। भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर 56.5 है, जबकि हरियाणा के आंकड़े 94.7 हैं
(हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ 13,000 अपराध हुए, जिसकी कुल आबादी 137.3 लाख है)। हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए चार्जशीट की दर भी कम है, जो कि राष्ट्रीय औसत 78.6% की तुलना में 57.9% है।
“बहुत हुआ नारी पे वार, अब की बार मोदी सरकार” का नारा देने वाली भाजपा अपने चुनावी वादों को भूल गई है। देश और प्रदेश में महिला सुरक्षा का दावा भी भाजपा का जुमला ही साबित हो रहा है।
हरियाणा में न महिलाएं सुरक्षित हैं और न ही बच्चे
हरियाणा में न महिलाएं सुरक्षित हैं और न ही बच्चे। हरियाणा में बच्चों के खिलाफ अपराधों की दर राष्ट्रीय औसत 28.9% के मुकाबले 47.6% थी। यह सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करने में भी नाकाम हो रही है।
राजन राव ( Rajan Rao ) ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे लगाती रहती है और दूसरी तरफ महिला अपराध के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। राव ने कहा कि हरियाणा में खट्टर सरकार राज्य के नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्यों का त्याग कर रही है।
पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। यह न्यायिक प्रणाली की विफलता नहीं है बल्कि राज्य के राजनीतिक और पुलिस तंत्र की विफलता है।
जब किसी मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं होती है तो न्यायपालिका पीड़ितों को न्याय कैसे दिला सकती है। गृह मंत्री अनिल विज को नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए या सरकार को उन्हें तत्काल कर्तव्य मुक्त कर देना चाहिए।
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