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Chennai rains: चेन्नई में येलो अलर्ट जारी, आंध्र प्रदेश में बारिश से बिगड़ते हालात

चेन्नई. देश के दक्षिणी राज्यों में बारिश आसमानी आफत बनकर कहर ढा रही है. जगह-जगह जलभराव की स्थिति है. ऐसे में आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. कई लोगों के घर इस आफत की चपेट में आ गए हैं. वहीँ, जान-माल का भी काफी नुकसान हुआ है. चेन्नई में जारी है येलो […]

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Chennai rains: चेन्नई में येलो अलर्ट जारी, आंध्र प्रदेश में बारिश से बिगड़ते हालात
  • November 27, 2021 8:01 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

चेन्नई. देश के दक्षिणी राज्यों में बारिश आसमानी आफत बनकर कहर ढा रही है. जगह-जगह जलभराव की स्थिति है. ऐसे में आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. कई लोगों के घर इस आफत की चपेट में आ गए हैं. वहीँ, जान-माल का भी काफी नुकसान हुआ है.

चेन्नई में जारी है येलो अलर्ट

जहाँ एक तरफ उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में सर्दी बढ़ने को है वहीँ देश का यह दक्षिणी क्षेत्र आसमानी आफत झेल रहा है. चेन्नई और उपनगरीय इलाकों में रुक रुक कर रात भर भारी बारिश हुई है. यह लगातार जारी है. फिलहाल प्रशासन अपनी नज़रें जमाए हुए है. और अधिकारीयों ने शुरूआती बाढ़ की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.

आर्थिक राजधानी मुंबई में भी बारिश के आसार

उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में सर्दी बढ़ने लगी है. वहीं, चेन्नई और उपनगरीय इलाकों में लगातार बारिश होने से हालत बिगड़ते जा रहे हैं. जिसके चलते चेन्नई में येलो अलर्ट के साथ-साथ बाढ़ की चेतावनी दी गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा महाराष्ट्र के दो जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार राज्य की राजधानी मुंबई सहित अन्य उपनगरों में हल्की बारिश होने के आसार हैं. चेन्नई और कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों के कई उपनगरों में शनिवार सुबह से रुक-रुक कर बारिश हुई और रात भर बारिश होती रही, जिससे कई इलाकों में पानी भर जाने से लोगों को परेशानी हुई है. इसके अलावा बात देश की आर्थिक राजधानी की करें तो यहाँ भी मौसम विभाग की ओर से बारिश की चेतावनी दी गई है.

तटों से जुड़े क्षेत्रों में है बारिश की संभावना

आईएमडी के मुताबिक बेमौसम बारिश पूर्वी अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव के क्षेत्र के कारण हुई थी. अरब सागर के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के अलावा, सुमात्रा तट से दूर दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. यही वजह है कि तटों से जुड़े राज्यों में बारिश की संभावना है.

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