नई दिल्ली: राजधानी में बारिश और यमुना के स्तर ने चिंता बढ़ाई हुई है. कुछ ही दिनों पहले यमुना का स्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया था जो एक बार फिर उफान पर है. यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी खतरे में है जिसकी वजह से वजीराबाद, चंद्रावाल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ठप पड़ सकता है.
बीते दिनों दिल्ली के कई इलाकों में पानी सप्लाई बंद करना पड़ा था. एक बार फिर उसी तरह की स्थिति बन रही है जहां बढ़ के खतरे ने दिल्ली में दस्तक दे दी थी. पिछली बार की गलतियों से सबक लेते हुए दिल्ली सरकार ने भी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की दीवारों को ऊंचा किया है. इसी क्रम में रविवार को दिल्ली के बाढ़ एवं सिंचाई मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया था।
गौरतलब है कि इस समय यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर है जो खतरे के निशान से पार है. बताया जा रहा है कि हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. पिछली बार यमुना नदी में जलस्तर 208 मीटर के ऊपर पहुंच गया था जिससे पानी का लगभग 25% उत्पादन बाधित हो गया था. हालांकि इस बात वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर पानी को रोकने के लिए सावधानियां बरती गई हैं. दिल्ली सरकार की ओर से दावा किया गया है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करने की नौबत नहीं पड़ेगी.
रविवार रात 8 बजे तक यमुना का जलस्तर 206 मीटर और 37 सेंटीमीटर दर्ज़ किया गया है. केजरीवाल सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन जगहों पर यमुना का पानी सड़कों तक आ गया था उन सभी जगहों की निगरानी की जा रही है. इन जगहों पर दीवार बनाकर पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इस काम के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 60 अलग-अलग टीमों को गठित किया गया है.
बात करें दिल्ली के आस-पास के इलाको की तो पिछली बार नोएडा और गाज़ियाबाद के कई इलाकों में पानी आ गया था. आनन-फानन में कई घरों को खाली भी करवाया गया. माना जा रहा है कि जलस्तर अभी और ऊपर जा सकता है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क है. दिल्ली के अलावा देश के अन्य उत्तरी राज्यों में बाढ़ जैसे खतरनाक स्थिति बनी हुई है. उत्तराखंड की बात करें तो भारी बारिश से सीतापुर के पास मौजूद एक अस्थायी पुल क्षतिग्रस्त हो गया है जिसपर फंसे पर्यटकों की सूचना मिलते ही उत्तराखंड पुलिस, SDRF ने नदी क्षेत्र में पहुंचकर 100 से अधिक पर्यटकों को बचाया.
वहीं केरल में कन्नूर, कोझिकोड और वायनाड जिलों में शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी घोषित कर दी गई है. हालांकि इससे कन्नूर यूनिवर्सिटी की पीएससी परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उत्तराखंड में भी विभिन्न मैदानी और पहाड़ी स्थानों में बारिश के अलर्ट को देखते हुए स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है. विपरीत परिस्थितियों में भी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की बात भी कही गई है. भारी बारिश के कारण कर्नाटक में बागमानडाला के पास कावेरी का पानी सड़कों तक आ गया है.
शिवमोग्गा जिले में भी भारी बारिश की वजह से स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है. इसके अलावा महाराष्ट्र में IMD ने पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. गुजरात के जूनागढ़ में बाढ़ का पानी घटा है जहां जूनागढ़ में 3000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. IMD की मानें तो राज्य में 24 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. देवभूमि द्वारका, राजकोट, भावनगर और वलसाड जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है.
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