किसान आंदोलन के चलते रेल मार्ग हुआ प्रभावित, पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों यात्री फंसे

नई दिल्लीः किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है लेकिन मामला ठंडा होता दिखाई नहीं दे रहा हैं। बता दें कि पंजाब के किसान केंद्र सरकार से नाराज है और रेल रोको आंदोलन का आज तीसरा दिन है। जिसके चलते कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। वहीं कई ट्रेनों के रुट्स बदले गए है तो कुछ ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेशन कर दिया गया है। आंदोलन के चलते 10 लोकल ट्रेन को रद्द और 12 लोकल ट्रेन को गंत्वय स्थान से पहले रोक दिया गया है। आंदोलन का सबसे ज्यादा प्रभाव मुरादाबाद मंडल पर पड़ा है।

बता दें कि किसान अपने तीन दिवसीय आंदोलन के तहत फरीदकोट, सरमाला, मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरुर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में लोग रेलवे ट्रैक पर बैठकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे है। जिसके चलते ट्रेन का परिचालन सही से नहीं हो पा रहा है।

यात्री को हो रही कठिनाई

मीडिया से बातचीत के दौरान एक यात्री ने बताया कि वो गोरखपुर के लिए जालंधर से लुधियाना सड़क मार्ग से आए लेकिन लुधियाना स्टेशन पर ट्रेन कब आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं दूसरे यात्री ने कहा कि मुझे बिहार जाना था। मेरे साथ परिवार के 12 सदस्य है लेकिन अमृतसर और लुधियाना दोनों जगह पर ट्रेन रद्द कर दिया गया है। अब यात्रा करने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। वहीं अधिकारियों के द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन का सिधा असर अंबाला और फिरोजपुर डिविजन पर पड़ा है।

किसान क्यों है नाराज

बता दें कि केंद्र सरकार के साल 2020 में तीन कृषि कानून बिल लाए थे। जिसके विरोध में भारी संख्या में किसानों ने खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने बिल के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और दिल्ली के तीनों बॉर्डर को जाम कर दिया था। इस प्रदर्शन के दौरान हुए उपद्रव की घटना को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ किसानों के ऊपर केस दर्ज किया था। इसमें से कुछ किसानों के ऊपर दर्ज मामले को सरकार ने वापस ले लिए गए थे लेकिन कुछ किसानों के ऊपर दर्ज मामले को वापस नहीं लिया गया था। इसी के चलते किसान ने फिर से आंदोलन करते हुए केंद्र सरकार से मांग किया है कि बाकी दर्ज मामले को वापस लिया जाए। इसके अलावा लखीमपुर खीरी के मामले में इंसाफ अभी तक नहीं मिला है। अब इंसाफ मिलना चाहिए।

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