Railway Parcel Service Privatisation: भारतीय रेलवे ने अब ट्रेनों में पार्सल सेवा का भी निजीकरण करने का फैसला लिया है. रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत सियालदह और मुंबई राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में पार्सल का काम निजी कंपनी अमेजन के हाथों में सौंप दिया है. इन दोनों राजधानी ट्रेनों में अब अमेजन के कर्मचारी पार्सल का काम देखेंगे. यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो रेल मंत्रालय इसे पूरे देशभर में लागू कर देगा. हालांकि रेलवे लोडिंग-अनलोडिंग कर्मचारी यूनियन ने रेलवे पार्सल सेवा का निजीकरण करने का विरोध किया है. कर्मचारी यूनियन 31 जुलाई और 1 अगस्त को हड़ताल पर भी जा सकता है.
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे अपनी पार्सल सेवा की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से निजी हाथों में देने जा रहा है. रेलवे बोर्ड ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे सियालदह और मुंबई राजधानी में शुरू करने का आदेश भी जारी कर दिया है. इन ट्रेनों में पार्सल सेवा की जिम्मेदारी अब निजी कंपनी अमेजन संभालेगी. ऐसे में रेलवे के कर्मचारियों को अपनी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है. भारतीय रेलवे लोडिंग अनलोडिंग वर्कर यूनियन ने 31 जुलाई और 1 अगस्त पर हड़ताल पर भी जा सकते हैं. कर्मचारी रेलवे पार्सल सेवा का निजीकरण किए जाने से पहले यूनियन से चर्चा नहीं की इस वजह से यूनियन के लोग नाराज हैं.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत सियालदह और मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में दो पार्सल कोच (SLR) होते हैं जिनमें से एक एसएलआर कोच की जिम्मेदारी रेलवे के पास रहती है और दूसरा एसएलआर कोच पहले ही ठेकेदार को दिया जाता रहा है. मगर अब इस प्रोजेक्ट में ऐसा नहीं होगा दोनों ही पार्सल कोच की जिम्मेदारी निजी कंपनी अमेजन के पास चली जाएगी.
इसके लिए अमेजन रेलवे को एक निर्धारित शुल्क देगा. यह पायलट प्रोजेक्ट एक महीने के लिए शुरू किया गया है. एक महीने के बाद इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा और आमदनी में बढ़ोतरी हुई तो देशभर में रेलवे की पार्सल सेवा का निजीकरण कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे भारतीय रेलवे का निजीकरण करने की ओर काम कर रही है. इससे पहले लखनऊ-दिल्ली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन को भी निजी हाथों में देने का फैसला लिया गया था. दूसरी तरफ रेलवे कर्मचारी लंबे समय से रेलवे का निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.