Advertisement

रेल यात्री एप का इस्तेमाल करते हैं तो हो जाए सावधान ,डार्क वेब पर बिक रहा डाटा

नई दिल्ली। साइबर हैकरों ने अब रेलयात्री एप को निशाना बनाया है। रेलयात्री एप के यूजर्स का डाटा हैकरों ने चुराया है। इसमें यूजर्स के नाम, ईमेल आईडी, फोन नंबर और उनकी लोकेशन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल हैं। बता दें , इस डाटा को एक डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा गया था। […]

Advertisement
रेल यात्री एप का इस्तेमाल करते हैं तो हो जाए सावधान ,डार्क वेब पर बिक रहा डाटा
  • February 20, 2023 11:34 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। साइबर हैकरों ने अब रेलयात्री एप को निशाना बनाया है। रेलयात्री एप के यूजर्स का डाटा हैकरों ने चुराया है। इसमें यूजर्स के नाम, ईमेल आईडी, फोन नंबर और उनकी लोकेशन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल हैं। बता दें , इस डाटा को एक डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा गया था। साइबर पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। रेलयात्री भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम ये दोनों की अधिकृत एप है। यह यूजर्स को टिकट बुक करने, उनके पीएनआर स्थिति चेक करने और भारत में ट्रेन यात्रा से संबंधित अन्य जानकारी देखने की सुविधा प्रदान करता है।

3.1 करोड़ तक का डाटा प्वाइंट

HT की रिपोर्ट के अनुसार रेलयात्री से 3.1 करोड़ अनुमानित डाटा प्वाइंट का एक सेट डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा हुआ था। यूनिट82 के रूप में पहचाने गए एक हैकर ने इस बारे में पोस्ट साझा कर जानकारी भी दी थी। हैकर ने दावा किया था कि डाटा दिसंबर 2022 में ही हैक कर लिया गया था। इनके अलावा यूनिट82 ने एक लिंक भी साझा किया जहां डाटा की खरीदने के लिए उनसे संपर्क किया जाता है।

साइबर एक्सपर्ट का ऐसा मानना है कि विशेषरूप से फोन नंबर जैसे डेटा प्वाइंट मिलने के बाद इसके दुरुपयोग की गुंजाइश काफी बढ़ जाती है और इन नंबरों का इस्तेमाल लोगों को सेक्सटॉर्शन, पार्ट-टाइम जॉब रैकेट या पुलिस अधिकारी बनकर वित्तीय धोखाधड़ी जैसे अपराधों को करने में किया जाता हैं। इसके अलावा, नाम, ईमेल आईडी और फोन नंबर का इस्तेमाल जाली दस्तावेज बनाने में भी हो सकता है।

रेलवे अधिकारी कर रहे है रिपोर्ट का इंतजार

बता दें , रेलवे के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि डेटा लीक के बारे में कोई आधिकारिक रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। उन्होंने आगे कहा कि हम डेटा लीक की खबरों पर गौर कर रहे हैं और गूगल प्ले स्टोर के मुताबिक एप को अब तक 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स ने डाउनलोड कर लिया है।

12 गीगाबाइट से ज्यादा का डाटा

डाटा को बिक्री के लिए ब्रीच्ड फोरम पर रखा हुआ है। फोरम पर किए गए पोस्ट में बताया गया है कि इसमें कुल 3,10,62,673 का डाटा प्वाइंट है। गौरतलब है कि यह पूरा डाटा लगभग 12.33 गीगाबाइट है. इसके अलावा बायो में यह भी कहा गया है कि यूनिट82 इज़राइल में स्थित है , 6 अगस्त, 2022 से ब्रीच्ड फोरम का सदस्य भी है। HT ने रविवार की रात यूनिट 82 के साथ संपर्क किया था तो 300 डॉलर में डाटा को बेचने की पेशकश भी की गई थी। यूनिट 82 ने इसे पत्रकारों के लिए रियायती मूल्य कहा था।

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement