नई दिल्ली: तिरूपति बालाजी के प्रसाद में जानवरों की चर्बी पाए जाने के बाद प्रसाद पर राजनीति शुरू हो गई है. सपा सांसद डिंपल यादव ने वृन्दावन बांकेबिहारी मंदिर के आसपास दुकानों पर मिलने वाले प्रसाद की जांच की मांग उठाई थी. जिसके बाद खाद्य विभाग हरकत में आ गया है और खाद्य विभाग ने बताया कि अब तक 27 सैंपल लिए गए हैं, जिनकी जांच 15 दिन में आ जाएगी.
जब मीडिया ने बिहारी मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के बारे में पूछा तो मंदिर के गोसाईयों ने बताया कि मंदिर में बनने वाले प्रसाद के लिए सूखी सामग्री बाजार से आती है और इसमें इस्तेमाल होने वाला घी गौशाला में बनाया जाता है. फिर भगवान को प्रसाद चढ़ाया जाता है. साथ ही, मंदिर में कोई भी बाहरी भोजन नहीं दिया जाता है. 121 यशु गोस्वामी सेवायत बांके बिहारी मंदिर उधर, छापामारी के नाम पर मिलावटी प्रसाद बनाने वालों में हड़कंप मच गया है. मिलावटखोर दुकानदार डर के मारे अपनी दुकानें बंद रखे हुए हैं. तो वहीं जो दुकानदार बिना मिलावट का प्रसाद तैयार कर रहा है उनकी दुकान खुली हुई है.
अपनी दुकानें खोलने वाले दुकानदारों में से एक ने मीडिया को बताया कि वह अपनी फैक्ट्री में प्रसाद तैयार करता है, जिसके लिए उसका एक भाई फैक्ट्री में रहता है और फैक्ट्री की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जाती है, ताकि किसी भी कारीगर द्वारा कोई गलत कार्य न किया जा सके. फिलहाल प्रसाद पर सियासत जारी है और अब देखना यह है कि सियासत कब और कहां जाकर थमती है.
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