राहुल उपाध्याय ने मंगलवार को मीडिया के सामने आकर बताया कि घटना वाले दिन वह कासगंज में थे ही नहीं. उन्होंने बताया, 'मेरे कुछ दोस्तों ने सोशल मीडिया पर चल रहीं मेरे मरने की खबरों के बारे में मुझे बताया, लेकिन मैं हिंसा के वक्त कासगंज में नहीं था. मैं अपने गांव गया था. मैं बिल्कुल ठीक हूं.
लखनऊ. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर वीएचपी और एबीवीपी की तिरंगा यात्रा के दौरान मचे बवाल में एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. जबकि दूसरे युवक राहुल उपाध्याय की मौत की खबरें सोशल मीडिया पर आई थीं. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल राहुल उपाध्याय की मौत की खबरें केवल अफवाह भर थीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल उपाध्याय अभी जिंदा है और सही सलामत है. इसकी पुष्टि कासगंज के आईजी संजीव गुप्ता ने भी की है. आईजी संजीव गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के आरोप में 4 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
सोमवार को आईजी अलीगढ़ संजीव गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर राहुल उपाध्याय नाम के युवक की मौत की खबरें अफवाह हैं. राहुल जिंदा है और सही सलामत है. पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं राहुल ने भी अपनी मौत की खबरों पर कहा कि घटना वाले दिन वह नगला खंजी स्थित अपने घर में मौजूद था. जब सोशल मीडिया पर उसके मरने की अफवाहें उड़ने लगी तो उसके करीबियों के फोन घर पर आने लगे. उसने फोन पर लोगों और रिश्तेदारों को बताया कि वह सुरक्षित है और घर पर मौजूद है. राहुल का कहना है कि उसे नहीं मालूम है कि उसका फोटो कहां से लिया गया.
One of my friends informed me of rumours on social media about me getting killed during #KasganjClashes, but I was not present in #Kasganj at the time of riots. I had gone to my village. I am absolutely fine:Rahul Upadhyay, the news of whose death was doing rounds in social media pic.twitter.com/ENj14gDbaW
— ANI UP (@ANINewsUP) January 30, 2018
सोशल मीडिया पर पहले ऐसी अफवाह फैल रही थीं कि हिंसा के बाद घायल राहुल ने अलीगढ़ के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया है. उसकी मौत की अफवाहों के बीच पुलिस ने भी सोमवार को उससे पूछताछ की है. राहुल के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं और वह बिल्कुल ठीक है. बता दें कि राहुल उपाध्याय कासगंज के नगलागंज गांव के रहने वाले है. राहुल को पुलिस सामने लाई है.