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कासगंज हिंसा में ‘मृत’ घोषित राहुल उपाध्याय बोला, मैं जिन्दा हूं, शरारती तत्वों ने फैलाई मौत की अफवाह

राहुल उपाध्याय ने मंगलवार को मीडिया के सामने आकर बताया कि घटना वाले दिन वह कासगंज में थे ही नहीं. उन्होंने बताया, 'मेरे कुछ दोस्तों ने सोशल मीडिया पर चल रहीं मेरे मरने की खबरों के बारे में मुझे बताया, लेकिन मैं हिंसा के वक्त कासगंज में नहीं था. मैं अपने गांव गया था. मैं बिल्कुल ठीक हूं.

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राहुल उपाध्याय
  • January 30, 2018 12:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

लखनऊ. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर वीएचपी और एबीवीपी की तिरंगा यात्रा के दौरान मचे बवाल में एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. जबकि दूसरे युवक राहुल उपाध्याय की मौत की खबरें सोशल मीडिया पर आई थीं. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल राहुल उपाध्याय की मौत की खबरें केवल अफवाह भर थीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल उपाध्याय अभी जिंदा है और सही सलामत है. इसकी पुष्टि कासगंज के आईजी संजीव गुप्ता ने भी की है. आईजी संजीव गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के आरोप में 4 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

सोमवार को आईजी अलीगढ़ संजीव गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर राहुल उपाध्याय नाम के युवक की मौत की खबरें अफवाह हैं. राहुल जिंदा है और सही सलामत है. पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं राहुल ने भी अपनी मौत की खबरों पर कहा कि घटना वाले दिन वह नगला खंजी स्थित अपने घर में मौजूद था. जब सोशल मीडिया पर उसके मरने की अफवाहें उड़ने लगी तो उसके करीबियों के फोन घर पर आने लगे. उसने फोन पर लोगों और रिश्तेदारों को बताया कि वह सुरक्षित है और घर पर मौजूद है. राहुल का कहना है कि उसे नहीं मालूम है कि उसका फोटो कहां से लिया गया.

सोशल मीडिया पर पहले ऐसी अफवाह फैल रही थीं कि हिंसा के बाद घायल राहुल ने अलीगढ़ के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया है. उसकी मौत की अफवाहों के बीच पुलिस ने भी सोमवार को उससे पूछताछ की है. राहुल के शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं और वह बिल्कुल ठीक है. बता दें कि राहुल उपाध्याय कासगंज के नगलागंज गांव के रहने वाले है. राहुल को पुलिस सामने लाई है.

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