अयोध्या/नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण भले ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अस्वीकार कर दिया हो, लेकिन शीर्ष नेतृत्व की असहमति के बावजूद समारोह में कई कांग्रेस नेता शामिल हुए। बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले नेताओं में हिमाचल सरकार के […]
अयोध्या/नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण भले ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अस्वीकार कर दिया हो, लेकिन शीर्ष नेतृत्व की असहमति के बावजूद समारोह में कई कांग्रेस नेता शामिल हुए। बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले नेताओं में हिमाचल सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजा विक्रमादित्य सिंह समेत कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व क्षेत्रीय सांसद डा. निर्मल खत्री और कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह रहे।
बता दें कि विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के छह बार सीएम रहे वीरभद्र सिंह के पुत्र हैं। प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि श्रीराम संपूर्ण देश और मानवता के प्रेरक हैं, उनको राजनीति और पार्टी से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। राजेंद्र प्रताप ने इस अवसर को स्वयं के लिए उपलब्धि परक तथा अविस्मरणीय बताया।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में देश के कोने कोने से साढ़े सात हजार से अधिक विशिष्ट अतिथि शामिल होने पहुंचे थे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इन सभी अतिथियों को विशेष रूप से निर्मित प्रसाद दिया गया। प्रसाद के पैकेट में प्रयुक्त होने वाली कई वस्तुएं रखी गई थीं। प्रसाद के पैकेट में घी से बनी पंजीरी, खोए का लड्डू, गुड़ की रेवड़ी, राम दाना चिक्की, अक्षत, तुलसी दल, रोली, राम नाम के नाम का एक-एक दीया, इलायची दाना तथा मौली कलावा रखा गया था।