नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम भाषण मामले में गुरुवार को सूरत की जिला अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है. जिसके बाद राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई. इसी कड़ी में कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां पार्टी ने केंद्र शासित भाजपा पर जमकर निशाना […]
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम भाषण मामले में गुरुवार को सूरत की जिला अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है. जिसके बाद राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई. इसी कड़ी में कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां पार्टी ने केंद्र शासित भाजपा पर जमकर निशाना साधा.
We all know that Rahul Gandhi has been speaking out fearlessly both inside and outside the Parliament. Clearly, he is paying a price for it. The government is rattled. This government is finding new techniques to throttle his voice: Congress leader Abhishek Manu Singhvi pic.twitter.com/pCtXpoi4nZ
— ANI (@ANI) March 24, 2023
शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर अपनी बात प्रेस वार्ता कर रखी है. इस दौरान पार्टी की ओर से कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया को संबोधित किया और कहा कि कानूनी होने से पहले ये सियासी मुद्दा है.देश में 2014 के बाद अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया जा रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान मनु सिंघवी ने आगे कहा, ‘ राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह निडर होकर बोलते रहे हैं जो बात हम सभी जानते हैं. जाहिर है, ने सामाजिक मुद्दे, आर्थिक मुद्दे, राजनीतिक मुद्दे पर राहुल गांधी बिना किसी डर के बोलते हैं. इस समय वह इसी की कीमत चुका रहे हैं. क्योंकि अब सरकार बौखला गई है जो उनकी आवाज़ दबाने के लिए नए तरीके खोज रही है.
We all know that Rahul Gandhi has been speaking out fearlessly both inside and outside the Parliament. Clearly, he is paying a price for it. The government is rattled. This government is finding new techniques to throttle his voice: Congress leader Abhishek Manu Singhvi pic.twitter.com/gciKrIDpzL
— ANI (@ANI) March 24, 2023
भले ही राहुल गांधी की सदस्यता ख़त्म हो गई है लेकिन उनके सामने अपनी सदस्यता को बचाए रखने के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. अभी भी वह सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते हैं. लेकिन इससे उनकी सदस्यता वापस नहीं आ सकती है तब तक जब तक कोर्ट उनकी सजा पर स्टे नहीं लगा देता. बता दें, आठ साल तक वह कोई चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं. आने वाले लोकसभा चुनावों में उनकी सदस्यता छिन जाना पार्टी के लिए यकीनन बड़ी चुनौती होगी.
हाई कोर्ट यदि तत्काल लोकसभा स्पीकर के फैसले पर स्टे लगा देता है तो राहुल गांधी की सदस्यता वापस आ सकती है. इसके अलावा राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर सकते हैं यदि उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है. हालांकि अदालत लोकसभा अध्यक्ष के किसी फैसले पर रोक लगाए इस बात की संभावना बेहद कम मानी जाती है. हालांकि उन्हें कोर्ट का जल्द से जल्द रुख करना होगा. राहुल गांधी की सदस्यता जाने के मामले में उनके पास महज 30 दिन का समय है. इस दौरान वह कोर्ट जाकर स्टे आर्डर ले सकते हैं नहीं तो उनकी सदस्यता वापस नहीं आएगी.
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