चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव का रिजल्ट सामने आ गया है और जीत की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही कांग्रेस सत्ता से चूक गई। बीजेपी ने बहुमत हासिल करते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का रिकॉर्ड बनाया। इधर हरियाणा हारने पर कांग्रेस में उठापटक शुरू हो गई। रिजल्ट की समीक्षा के लिए पार्टी ने […]
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव का रिजल्ट सामने आ गया है और जीत की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही कांग्रेस सत्ता से चूक गई। बीजेपी ने बहुमत हासिल करते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का रिकॉर्ड बनाया। इधर हरियाणा हारने पर कांग्रेस में उठापटक शुरू हो गई। रिजल्ट की समीक्षा के लिए पार्टी ने रिव्यू मीटिंग बुलाई, जिसमें राहुल गांधी नाराज दिखे।
बैठक में राहुल ने हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को स्वार्थी बताया और इसे हार की सबसे बड़ी वजह माना। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले गुटबाजी ने हमें डूबा दिया। मीटिंग के दौरान राहुल चुप चुप रहे और सबको स्वार्थी बता कर चले गए। बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर बुलाई गई थी। इसमें अजय माकन, अशोक गहलोत और केसी वेणुगोपाल जैसे नेता शामिल हुए थे। मीटिंग में राहुल ने ईवीएम का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इस पर विस्तृत रिपोर्ट आनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव हम जीत सकते थे लेकिन स्थनीय नेता निजी प्रगति करने में लगे थे।
राहुल गांधी ने स्थानीय नेताओं पर अपनी भड़ास तब निकाली जब सभी नेता ईवीएम को दोष रहे थे। उन्होंने कहा कि सब आपस में ही लड़ते रह गए और पार्टी के बारे में नहीं सोचा। इतना कहकर राहुल गुस्से में उठकर चले गए। सूत्रों के मुताबिक राहुल ना सिर्फ हुड्डा से नाराज थे बल्कि सभी पर अपना गुस्सा निकाला। ऐसा पहली बार नहीं हुआ था कि अंदुरूनी कलह से पार्टी को नुकसान हुआ हो। इससे पहले कांग्रेस को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी इसी वजह से हार का सामना करना पड़ा था।