मुंबई। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मंच से विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए, इस दौरान उन्होने सावरकर को अंग्रेजों का गुलाम बताया बल्कि अंग्रेजों द्वारा पेंशन लेने का आरोप भी सावरकर पर लगाया। राहुल गांधी के इस बयान को राजनीतिक विशेषज्ञ अलग ढंग से ले रहे हैं […]
मुंबई। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मंच से विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए, इस दौरान उन्होने सावरकर को अंग्रेजों का गुलाम बताया बल्कि अंग्रेजों द्वारा पेंशन लेने का आरोप भी सावरकर पर लगाया। राहुल गांधी के इस बयान को राजनीतिक विशेषज्ञ अलग ढंग से ले रहे हैं उनका कहना है कि, राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर विवादित टिप्पणी साजिश के तहत की, इसके आधार पर वह अपना चुनावी फायदा खोज रहे हैं।
महाराष्ट्र में राहुल गांधी द्वारा सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ अपनी राय प्रस्तुत कर रहे हैं। उनका कहना है कि, राहुल गांधी ने गुजरात चुनावों के मद्देनज़र सावरकर पर निशाना साथा है। राहुल गांधी और कांग्रेस दोनों ही यह चाहते हैं कि, महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर पाबंदी और सावरकर की गिरफ्तारी के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका को एक बार फिर से जीवित किया जा सके। कांग्रेस एवं राहुल गांधी का सोचना है कि, इस मुद्दे को जीवित करके गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी को मौजूदगी के चलते मुकाबले को त्रिकोणीय होने एवं भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए यह मुद्दा कारगर साबित होगा।
आने वाले दिनों में हो सकता है कि, सावरकर की उन बातों को भी कांग्रेस दोबारा जीवित करने की कोशिश करेगी जिससे कट्टर हिंदुत्व की भावना रखने वाले लोगों को भाजपा के विरुद्ध किया जा सकता है। हम आपको बता दें कि सावरकर के सम्बन्ध में कांग्रेस उनके नास्तिक होने, गाय की पूजा को गलत मानने एवं माता न मानकर दूध देने वाला जानवर मानने के साथ साथ वह भारत को मातृभूमि नहीं बल्क पितृभूमि मानते थे इन बातों को भी उजागर करने का काम कर सकती है।
हम आपको बता दें कि, सावरकर की छवि कांतिकारी से ज्यादा हिंदुवादी नेता के रूप में है, कांग्रेस सावरकर के हिंदुत्व पर प्रहार कर के भाजपा को कमज़ोर करने एवं सावरकर की छवि को धूमिल करने का काम कर सकती है।