कांग्रेस ने आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले और सरकार के इस मामले में ढीले रवैये को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी सांसद गांधी मूर्ति के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि साफ तौर पर मोदी सरकार इस पर ढिलाई बरत रही है. एससी-एसटी एक्ट
नई दिल्ली. कांग्रेसी नेताओं ने शुक्रवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में एससी-एसटी एक्ट को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेसी नेता ‘दलितों के सम्मान में, राहुल गांधी मैदान में’ नारे लगाते रहे. प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस अतिसंवेदनशील मामले में ढीला रवैया बरतने का आरोप लगाया. कांग्रेसी नेताओं ने मांग की कि इस मामले में केंद्र सरकार को इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करनी चाहिए.
राहुल गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस मामले में ढिलाई बरत रही है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दलितों के हक में नहीं है. इस फैसले से दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ेंगे. सरकार का रवैया भी ढुलमुल वाला नजर आ रहा है. इसलिए केंद्र सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में एससी/एसटी एक्ट को लेकर बड़ा फैसला दिया है. इसमें कोर्ट ने कहा था कि एससी/एसटी एक्ट का दुरूपयोग हो रहा है. इसलिए ऐसे मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. इसके अलावा कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस प्रकार के मामलों में गिरफ्तारी से पहले बेल मिल सकती है.
20 मार्च को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट 1989 (SC/ST Act 1989) के तहत दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस तरह के मामलों में गिरफ्तारी से पहले डीएसपी स्तर के अधिकारी के द्वारा जांच जरूरी होगी. साथ ही गिरफ्तारी से पहले बेल दी जा सकती है. सर्वोच्च न्यायालय ने इस अधिनियम के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की बात को मानते हुए कहा कि इस मामले में सरकारी कर्मचारी अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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SC/ST एक्ट में अब नहीं होगी तुरंत गिरफ्तारी, गिरफ्तारी से पहले मिल सकती है जमानत: सुप्रीम कोर्ट