नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार यानी 5 नवंबर को उत्तर प्रदेश के रायबरेली आएंगे. यहां वह जिला समन्वय बैठक में हिस्सा लेंगे और फिर दिशा की बैठक में भी शामिल होंगे. इसके अलावा राहुल गांधी उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे.
रायबरेली सांसद राहु गांधी कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. वह डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक का भी उद्घाटन करेंगे। राहुल गांधी दिशा बैठक में शामिल होंगे. राहुल गांधी आज सुबह 10:30 बजे फुरसतगंज एयरपोर्ट पहुंचेंगे. सुबह 11 बजे सड़क मार्ग से डिग्री कॉलेज चौराहा पहुंचेंगे। शहीद चौक के उद्घाटन के बाद 11:30 बजे समाहरणालय पहुंचेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों कमला हैरिस और टिम वाल्ज़ की आज होने वाली रैली से पहले पेंसिल्वेनिया के फिलाडेल्फिया में फिली आर्ट म्यूजियम के सामने सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 20 जनवरी, 2025 को अपने उद्घाटन के साथ शुरुआत करते हुए, 4 वर्षों तक व्हाइट हाउस में काम करेंगे.
दिल्ली में वायु प्रदूषण से लोगों को फिलहाल राहत मिलने की संभावना नहीं है. अगले पांच दिनों तक दिल्ली सुबह के समय स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आएगी. तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी है. जल्द ही लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेते नजर आएंगे. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है. अधिकतम तापमान 32.6 दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक है. 10 नवंबर तक दिल्ली में धुंध की चादर छाई रहेगी. मंगलवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम 16 डिग्री रहने का अनुमान है.
छठ महापर्व आज 5 नवंबर 2024 से शुरू हो गया है। छठ पर्व भारत, विदेश और नेपाल में भी मनाया जाता है। लेकिन भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी अलग ही खूबसूरती देखने को मिलती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत बिहार से मानी जाती है. आज छठ पूजा का पहला दिन है, जिसे नहाय खाय कहा जाता है. इसी दिन से छठ पूजा की शुरुआत मानी जाती है. इस दिन चने की दाल, लौकी, अरवा चावल का भाग, साग और पापड़ जैसे सात्विक भोजन बनाये जाते हैं.
बारह ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर स्थित भगवान महाकाल की सवारी सिर्फ सावन और भादो के महीने में ही नहीं बल्कि कार्तिक और अगहन के महीने में भी निकलती है. कार्तिक मास के पहले सोमवार को भगवान महाकाल ने मन महेश स्वरूप में लोगों को दर्शन दिए। नगर भ्रमण से पहले महाकालेश्वर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
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