PM मोदी ने महाकुंभ के सफल आयोजन पर लोकसभा में देशवासियों को बधाई दी और कहा कि यह हमारी संस्कृति, परंपरार व इतिहास है. विविधता में एकता का प्रतीक है. बकौल राहुल गांधी वह पीएम की बातों का समर्थन करना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने का मौका ही नहीं दिया गया. विपक्ष के नेता को तवज्जो न देने से बिदके राहुल ने पीएम से पूछा कि जो युवा महाकुंभ गये थे उनकी रोजगार की बात क्यों नहीं करते. पीएम कभी युवाओं के रोजगार पर क्यों नही बोलते?
नई दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ के सफल समापन पर मंगलवार को लोकसभा में देशवासियों को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ को सफल बनाने में लोगों और समूहों ने अपना अमूल्य योगदान दिया, इसकी जितनी सराहना की जाए कम है. पीएम मोदी ने सरकार, समाज और इसमें शामिल सभी समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रयासों को स्वीकार करते हुए कहा कि महाकुंभ का सफल आयोजन मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि ये एक जागृत राष्ट्र की भावना को दर्शाता है, यह विविधता में एकता का प्रतीक है, हमारी संस्कृति व परंपरा है. पूरी दुनिया ने महाकुंभ की भव्यता देखी. पीएम ने देशभर के श्रद्धालुओं, विशेषकर प्रयागराज के नागरिकों के समर्थन और योगदान के लिए आभार व्यक्ति किया.
जैसे ही पीएम मोदी ने अपना भाषण खत्म किया, विपक्ष शोर मचाने लगा और वेल के पास आ गया. विपक्ष सवाल करने की मांग करने लगा, इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा नियम 372 के मुताबिक प्रधानमंत्री या कोई भी मंत्री सदन में बिना कोई प्रश्न लिए वक्तव्य दे सकता है. इस दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी कुछ बोलना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने की इजाजत ही नहीं मिली. बहन प्रियंका गांधी भी अब लोकसभा में हैं लिहाजा सदन से बाहर भाई राहुल गांधी के साथ वह भी जुगलबंदी करती नजर आईं.
राहुल गांधी ने कहा कि वह पीएम मोदी की बातों का समर्थन करना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने का मौका ही नहीं दिया गया. उन्होंने आगे जोड़ा कि पीएम मोदी ने ठीक कहा कि महाकुंभ हमारी संस्कृति है परंपरा है. मैं इसका समर्थन करता हूं लेकिन पीएम ने महाकुंभ की भगदड़ में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी. जिन युवाओं का बार बार पीएम उल्लेख करते हैं, युवा जोश महाकुंभ से लेकर तमाम आयोजनों में दिखाई देता है उनकी रोजगार की बात कौन करेगा. कौन बताएगा कि सरकार ने युवाओं के रोजगार के लिए क्या किया? जो युवा महाकुंभ में गए उन्हें प्रधानमंत्री से रोजगार चाहिए और पीएम मोदी को उस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में नेता प्रतिपक्ष को तो बोलने का मौका दिया जाना चाहिए था लेकिन नहीं देते हैं, यही न्यू इंडिया है?
प्रियंका गांधी ने कहा कि पीएम मोदी महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे, लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक सिक्के के दो पहलू हैं. विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था, उसकी भी अपनी भावनाएं हैं. अगर हम अपनी बात रखते तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी. विपक्ष को भी दो मिनट बोलने देते तो क्या हो जाता?
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