नई दिल्ली. नीट में गड़बड़ी को लेकर सरकार की घेराबंदी के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान सरकार और विपक्ष में ऐसी ठनी की पीएम मोदी को हस्तक्षेप करना पड़ा लेकिन उससे भी बात नहीं बनी. फिर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह और राज्यसभा में जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला. हिंदू हिंसक को लेकर बहस-मुबाहसा में दोनों पक्ष आक्रामक होता चला गया. नड्डा की भिड़ंत सिर्फ राहुल से ही नहीं बल्कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से भी हुई.
बात तब बिगड़ी जब राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. इसका कारण यह है कि हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. हमारे महापुरुषों ने साफ संदेश दियाय कि डरो मत, डराओ मत. भगवान शिव भी यही कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं. हिंदू डर, हिंसा और नफरत नहीं फैला सकता. भाजपा रात दिन इसी काम में लगी रहती है आपस में नफरत फैलाती है, जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा और नफरत फैलाते हैं. आप हिंदू हो ही नहीं, हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ दें.
राहुल के इतना कहते ही भाजपा भड़क गई और आरोप जड़ दिया कि राहुल गांधी हिंदू समाज पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा रहे हैं, हिंदुओं का अपमान कर रहे हैं. पीएम मोदी ने बीच में हस्तक्षेप कर जैसे ही यह बात कही, राहुल गांधी और आक्रामक हो गये और कहा कि भाजपा व आएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है. पीएम नरेंद्र मोदी भी नहीं. इसके बाद बात आगे बढ़ती चली गई.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को कुछ अता पता नहीं, बस बोले जा रहे हैं. जिस अभय मुद्रा की बात कर रहे हैं उसके बार में इस्लाम के विद्वानों की राय ले लें. इन्हें उन करोड़ों हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए जो अपने आप को गर्व हिंदू कहते हैं. उन्होंने आपात काल की याद दिलाई जिसमें लोगों को डराया धमाकाया गया था.
इसको लेकर लोकसभा में शोरगुल बढ़ने लगा. पीएम ने यह कहकर राहुल गांधी पर कटाक्ष किया कि संविधान ने उन्हें विपक्ष के नेता का सम्मान करना सिखाया है. उधर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा ओबीसी, दलितों अल्पसंख्यकों की उपेक्षा और आरएसएस पर पूरे तंत्र पर कब्जे के आरोप से पहले ही माहौल गरम था, इसी बीच राहुल के बयान से राज्यसभा के नेता और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा उखड़ गये और एक के बाद एक कई ट्वीट कर डाले. उन्होंने साफ कहा कि राहुल गांधी को भारत की संसद की मर्यादा और सभ्यता के बारे की जानकारी नहीं है. ये वही राहुल गांधी हैं जो विदेशी राजनयिकों के सामने हिंदुओं को आतंकवादी बता रहे थे. वह पांचवीं बार चुनकर आये हैं लेकिन संसदीय मर्यादा के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है.
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