कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएनबी केस को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम और वित्तमंत्री इस मामले पर क्यों नहीं बोल रहे. उन्होंने कहा कि इस घोटाले की शुरूआत नोटबंदी से हुई थी. तभी पीएम ने लोगों का पैसा बैंकों में रखवाया था जिसे निरव मोदी लूटकर फरार हो गया. पीएम अब क्या कदम उठाने जा रहे हैं इसके बारे में बताना चाहिए.
नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक के साथ 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोखाधड़ी के मामले को लेकर बीजेपी कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस मामले में केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पैसा बैंक में रखो और नीरव मोदी लूट ले गया. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले को लेकर जवाबदेह हैं, क्योंकि 90 पर्सेंट से ज्यादा ट्रांजेक्शन उनके कार्यकाल में हुए हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता के सामने आकर बताना चाहिए कि ऐसा क्यों और कैसा हुआ. मैं जानना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री इस मामले पर क्या एक्शन लेंगे. राहुल गांधी ने शनिवार को ये बातें कांग्रेस स्टीरिंग कमिटी की मीटिंग के बाद कहीं. पीएनबी स्कैम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में की गई नोटबंदी से जोड़ते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह घोटाला 8 नवंबर 2016 से शुरू हुआ था. राहुल ने कहा कि कि उस दिन पीएम ने सभी देशवासियों के पैसे बैंक में जमा करा दिए थे. अब उनके दोस्तों ने ये रुपये चुरा लिए. ऐसा बड़ा घोटाला सरकार की जानकारी और सुरक्षा के बगैर नहीं हो सकता था.
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कार्यशैली से देश की वित्तीय स्थिति को तहस नहस कर दिया है. नोटबंदी इसका एक बड़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि अब वे बैंकिंग सिस्टम को सेफ बनाने के लिए क्या करने जा रहे हैं? राहुल गांधी ने कहा कि यह 22 हजार करोड़ का घोटाला है. पीएनबी ने बुधवार को सिक्योरिटी बोर्ड ऑफ इंडिया को 11300 करोड़ का घोटाला बताया था जो कि अब करीब दोगुना हो गया है. यह और भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि अभी बैंक ने एक्जेक्ट फिगर के बारे में नहीं बताया है.
राहुल ने सवाल करते हुए कहा कि आखिर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री अभी तक एक भी शब्द क्यों नहीं बोले हैं. जबकि उन्होंने बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चों के लिए डेढ़ घंटे की स्पीच दी है. वे इस मामले पर बोलने के लिए अलग-अलग मंत्रियों को भेज रहे हैं. पहले सोशल जस्टिस मंत्री आए और फिर डिफेंस मिनिस्टर. लेकिन इस मामले के जो रेस्पोंसेबल हैं प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री अरुण जेटली वे अभी तक चुप बैठे हैं.
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