राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद पहला इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने गुजरात चुनाव को लेकर बड़ा खुलासा किया. राहुल ने बताया कि गुजरात जाने से पहले उन्हें कांग्रेसी नेताओं ने कहा था कि वो गुजरात में ज्यादा प्रचार न करें. पार्टी नेताओं के इस मशविरे से राहुल बिल्कुल असहमत थे.
गांधीनगरः कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने के बाद राहुल गांधी ने पहली बार गुजरात के एक रीजनल न्यूज चैनल (GSTV) को इंटरव्यू दिया. इंटरव्यू में राहुल ने गुजरात चुनाव के प्रचार पर खुलकर बात की. इस दौरान राहुल ने एक बड़ा खुलासा किया. राहुल ने बताया कि गुजरात जाने से पहले उन्हें कांग्रेसी नेताओं ने कहा था कि वो गुजरात में ज्यादा प्रचार न करें. पार्टी नेताओं के इस मशविरे से राहुल बिल्कुल असहमत थे. उन्होंने इस बात को नजरअंदाज किया और पार्टी नेताओं से कहा कि वह गुजरात में जरूर चुनाव प्रचार करेंगे.
राहुल ने पार्टी नेताओं के सुझाव को दरकिनार करने के पीछे गीता का उदाहरण दिया. इंटरव्यू के दौरान राहुल ने कहा, ‘गीताजी में लिखा है, काम करो, फल की इच्छा मत करो.’ राहुल ने आगे कहा, ‘मैंने गुजरात में दिल से काम किया है. नतीजा चाहे जो भी रहे लेकिन गुजरात के लोगों ने मुझे जो प्यार दिया है, उसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.’ इंटरव्यू में राहुल ने बेबाकी से सवालों का जवाब दिया. इंटरव्यू में जब राहुल से 2019 लोकसभा चुनाव और पीएम मोदी के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि चुनाव मोदी या राहुल गांधी और बीजेपी या कांग्रेस के लिए नहीं है. बल्कि यह देश के भविष्य के लिए है.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने ‘नवसृजन गुजरात यात्रा’ के नाम से सूबे में अपने प्रचार की शुरुआत की थी. जिसके बाद राहुल के प्रचार को ‘मिशन गुजरात’ का नाम दिया गया. गुजरात चुनाव में राहुल बिल्कुल नए अंदाज में नजर आए. इस बार राहुल जनसभाओं, रैलियों में जाने से पहले मंदिर जा रहे थे. विपक्षी उनके मंदिर जाने को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे लेकिन राहुल बगैर किसी की परवाह किए गुजरात के मंदिरों में भगवान के दर्शन कर रहे थे. चुनाव प्रचार के दौरान राहुल द्वारकाधीश मंदिर, सोमनाथ मंदिर, अक्षरधाम मंदिर सहित सूबे के कई प्रसिद्ध मंदिर गए. बहरहाल राहुल के इस खुलासे से यहां यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कांग्रेसी नेता क्यों चाहते थे कि राहुल गांधी गुजरात में ज्यादा चुनाव प्रचार न करें. राहुल से ऐसा कहने के पीछे उनका क्या मकसद था?
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