Advertisement

मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने चला बड़ा पैंतरा, आदिवासियों से कर लिया यह वादा

भोपाल। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने खंडवा जीले मे आदिवासियों के जननायक टंट्या भील के जन्मस्थान पर शिरकत कर आदिवासी समाज से बड़ा वादा कर लिया है, साथ ही शिवराज के नेतृत्व मे चल रही भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आदिवासियों को बड़ी राहत देने की पेशकश की है। क्या वादा […]

Advertisement
मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने चला बड़ा पैंतरा, आदिवासियों से कर लिया यह वादा
  • November 25, 2022 8:39 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भोपाल। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने खंडवा जीले मे आदिवासियों के जननायक टंट्या भील के जन्मस्थान पर शिरकत कर आदिवासी समाज से बड़ा वादा कर लिया है, साथ ही शिवराज के नेतृत्व मे चल रही भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आदिवासियों को बड़ी राहत देने की पेशकश की है।

क्या वादा किया राहुल गांधी ने?

भले राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को गैर राजनीतिक बताया जा रहा हो लेकिन राजनेता के लिए कुछ भी गैर राजनीतिक नहीं होता है। हम आपको बता दें कि, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल द्वारा लगातार कांग्रेस जोड़ो की कवायदें की जा रहीं हैं। बुरहानपुर होकर मध्य प्रदेश में एंट्री के अगले दिन ही राहुल गांधी ने खांड्वा जिले में टंट्या भील के जन्मस्थान पर जाकर एक जनसभा को भी सम्बोधित किया।
राहुल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए आदिवासी समाज से बड़ा वादा कर लिया। उन्होने कहा कि, यदि उनकी सरकार बनती है आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन पर उनके सभी मौलिक अधिकार वापस दिए जाएंगे।

आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा लगातार आदिवासी क्षेत्रों का दौरा कर रहीं हैं, एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी टंट्या भील की जन्मस्थली पर गए थे यहाँ पहुंच कर उन्होने आदिवासी समाज को पेसा एक्ट के बारे में अवगत कराते हुए उसके फायदों को गिनाया । आदिवासियों के जननायक माने जाने वाले टंट्या भील के जरिए दोनों ही दल चुनावों में बढ़त बनाने की कोशिश करेंगे।

कौन हैं टंट्या भील?

1840 में खंडला जिले की पंधाना तहलील के बडाडा गांव में टंट्या भील का जन्म हुआ था। टंट्या गुरिल्ला युद्ध के महारथी होने के साथ-साथ हथियार चलाने में भी महिर थे. वह पारंपरिक हथियार जैसे तीर, तलवार के साथ-साथ बंदूक चलाने का भी हुनर बखूबी जनाते थे, उन्होने अंग्रेजों के खिलाफ 12 वर्षों तक 24 युद्ध लड़े और सभी युद्धों मे विजय प्राप्त की, लेकिन उन्हे योजना बनाकर षडयंत्र से गिरफ्तार कर लिया गया था। टंट्या को गरीबों का मसीहा कहा जाता था। इसलिए उन्हे आदिवासी के जननायक का दर्जा प्राप्त है।

Advertisement