नई दिल्लीः एक तरफ पूरा देश 22 जनवरी यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहा है तो दूसरी तरफ पूरा विपक्ष इसको लेकर हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा कार्यक्रम के जरिए राजनीतिक फायदे तलाश रही है। इसी बीच राहुल गांधी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के […]
नई दिल्लीः एक तरफ पूरा देश 22 जनवरी यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहा है तो दूसरी तरफ पूरा विपक्ष इसको लेकर हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा कार्यक्रम के जरिए राजनीतिक फायदे तलाश रही है। इसी बीच राहुल गांधी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक 22 जनवरी के दिन राहुल गांधी असम के कामाख्या मंदिर जा सकते हैं। बता दें कि राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं और ये यात्रा नागालैंड पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि यात्रा 22 जनवरी को असम पहुंचेगी।
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक और नरेंद्र मोदी फंक्शन बना दिया है। यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम बन गया है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि जो सच में धर्म को मानते हैं, वो धर्म के साथ निजी रिश्ता रखते हैं। वे अपने जीवन में धर्म का इस्तेमाल करते हैं। वो धर्म का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी कोलकाता में सभी धर्मों के लिए एक ‘सद्भाव रैली’ करेंगी। इसके अलावा वो वह कालीघाट मंदिर में देवी काली की पूजा करने के बाद दक्षिण कोलकाता के हाजरा चौराहे से जुलूस भी निकालेंगी।
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