Rahul Gandhi Portrayed as Ram: आगामी तीन फरवरी को पटना के रामलीला मैदान में कांग्रेस जन आकांक्षा रैली निकालने जा रही है. इसके लिए लगाए गए पोस्टर में राहुल गांधी को भगवान राम के रूप में दिखाया गया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने कांग्रेस नेताओं पर करारा तंज कसा है.
पटना. Rahul Gandhi Portrayed as Ram: लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटी कांग्रेस पार्टी तीन फरवरी को बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में विशाल रैली निकालने जा रही है. इस रैली के लिए बिहार कांग्रेस के नेता बड़े जोर-शोर से तैयारी में जुटे हैं. इस रैली से पहले पटना की सड़कों पर एक पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर में काग्रेंस अध्यक्ष राहुल गांधी भगवान राम के रूप में दिखाया जा गया है. तीन फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली जन आकांक्षा रैली में स्वागत के उद्देश्य से लगाई गई इस पोस्टर में राहुल गांधी को राम बताया गया है.
यह पोस्टर सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे है. समाचार एजेंसी एएनआई ने इस पोस्टर की तस्वीर ट्वीट की. जिसपर रिएक्शन देते हुए एक यूजर ने कविताई अंदाज में लिखा कि शंख बजा है महा समर का, वीरों की मच धूम रही.. धूर्त लोमड़ी लिए निमंत्रण, जंगल जंगल घूम रही.. इसके अलावा भी कई लोगों ने कांग्रेसी नेताओं के इस काम को गलत करार दिया है.
Bihar: Congress President Rahul Gandhi portrayed as Lord Ram on a poster in Patna. pic.twitter.com/La4ZcL64GY
— ANI (@ANI) January 29, 2019
इस पोस्टर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिंह ने लगवाया हैं. पोस्टर पर राम बने राहुल के बारे में लिखा गया है कि वे राम नाम जपते रहे! तुम बनकर राम जियो रे! साथ ही पोस्टर में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस की नव नियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी जगह दी गई है.
देखें इस पोस्टर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं-
शंख बजा है महा समर का, वीरों की मच धूम रही..
धूर्त लोमड़ी लिए निमंत्रण, जंगल जंगल घूम रही..
-unknown— ऋषभ तेवतिया (@jatrishabh) January 29, 2019
https://twitter.com/India8Heart/status/1090180518333857792
https://twitter.com/adisessantosh01/status/1090181276529758208
पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा कि एक मोदी ने क्या-क्या करवा दिया इनसे. वहीं आदिशेष संतोष नाम के एक यूजर ने लिखा कि चापलूसी चमचेपन गुलामी लत की उच्चतम सीमा इसी को कहते हैं. बुध्दि से बंधुआ मजदूर क्योंकि जो काल्पनिक का मतलब न जाने उसके भगवान रामजाने.
जो पार्टी वर्षों से राम के अस्तित्व को नकार रही थी, उसी पार्टी के छुटभइये नेता अपने प्रेसीडेंट को राम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। दिमागी दिवालिएपन की भी कोई सीमा होती है।
— Sanjeev Bishnoi (@Sanjeev95236119) January 29, 2019
बेशर्मी की हद है
— Deepanshu vaishnav (@De_panshu) January 29, 2019