नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों पर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहा है. सोमवार (6 फरवरी) को भी इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. हंगामे के बाद मंगलवार (7 फरवरी) तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है. इस बीच कांग्रेस […]
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों पर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहा है. सोमवार (6 फरवरी) को भी इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. हंगामे के बाद मंगलवार (7 फरवरी) तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है. इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार को अडानी मामले में घेरा है.
The govt will try its best that no discussion takes place on the Adani issue in Parliament. The govt should allow a discussion on this in the Parliament: Congress MP Rahul Gandhi pic.twitter.com/lGxjD1Qb09
— ANI (@ANI) February 6, 2023
सोमवार को राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान वह कहते हैं- “सरकार पूरी कोशिश के साथ लगी है कि संसद में अडानी मुद्दे पर कोई चर्चा ना हो.क्योंकि सरकार अडानी के मामले पर संसद में चर्चा नहीं चाहती है. वह डरी हुई है… संसद में सरकार को इस पर चर्चा की अनुमति देनी चाहिए. इस पर संसद में चर्चा हो, अडानी जी के पीछे कौन सी शक्ति काम कर रही है, देश को पता होना चाहिए.”
राहुल ने आगे आरोप लगाया कि, “काफी समय से मैं सरकार के बारे में बोल रहा हूं कि ‘हम दो, हमारे दो’. अब मोदी जी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि अडानी जी पर चर्चा ना की जाए. इसका कारण है जो कारण आप जानते हैं. मैं 2-3 साल से ये मुद्दा लगातार उठा रहा हूं. क्योंकि मैं चाहता हूं कि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए और जो लाखों करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है उसके बारे में चर्चा हो.”
बता दें कि विपक्षी दलों के सांसदों ने आज संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अडानी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने अपने हाथ में एक बड़ा बैनर ले रखा था, जिस पर लिखा था कि अडानी स्कैन्डल पर जेपीसी जांच या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक की। खड़गे के कक्ष में हुई इस बैठक में भारत राष्ट्र समिति, आम आदमी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), द्रमुख, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता शामिल हुए।
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