नई दिल्ली: 2023 सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 28 मई को आयोजित की जाएगी। इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने UPSC अभ्यर्थियों से मुलाकात की. राहुल गांधी ने ये मुलाकात मुखर्जी नगर में की है जहां इस दौरान का एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में […]
नई दिल्ली: 2023 सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 28 मई को आयोजित की जाएगी। इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने UPSC अभ्यर्थियों से मुलाकात की. राहुल गांधी ने ये मुलाकात मुखर्जी नगर में की है जहां इस दौरान का एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में राहुल गांधी को अभ्यर्थियों से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है.
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi interacts with UPSC aspirants in Delhi's Mukherjee Nagar
The 2023 Civil Services Preliminary Exam will be held on 28th May pic.twitter.com/MKGlP7w2E6
— ANI (@ANI) April 20, 2023
गौरतलब है कि राहुल गांधी को आज सूरत की सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है जहां मोदी सरनेम मामले में निचली अदालत द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.
दरअसल 23 मार्च को चार साल पुराने मोदी सरनेम मामले में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. ये पूरा मामला 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण से जुड़ा था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. सजा मिलने के साथ ही निचली अदालत ने राहुल गांधी की सजा पर एक महीने की रोक लगा दी थी. इसके बाद राहुल गांधी की ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया. ऐसे में राहुल गाँधी के पास केवल 23 अप्रैल यानी अगले तीन दिन तक का समय है. यदि इन तीन दिनों में वह दोषसिद्धि पर रोक लगवा पाते हैं तो वह जेल नहीं जाएंगे. यदि हाई कोर्ट ने भी उन्हें कोई राहत नहीं दी तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा.
हालांकि राहुल गांधी जल्द ही हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले हैं. उनके सामने अब हाई कोर्ट का विकल्प है यदि उच्च न्यायलय राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा देता है तो उन्हें जेल नहीं जाना होगा लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो यकीनन कांग्रेस नेता जेल जाएंगे. बता दें, इससे पहले एडिशनल सेशन कोर्ट जज आरपी मोगेरा ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को कोर्ट में मौजूद न रहने की छूट दी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील आरएस चीमा ने कहा था कि मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस उचित नहीं था। इसके साथ ही इस मामले में अधिकतम सजा सुनाए जाने की भी जरूरत नहीं थी।