नई दिल्ली: बुधवार(1 फरवरी) को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-2024 का बजट भाषण दिया. संसद के बजट सत्र में भाग लेने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पहुंचे. ज्ञात हो राहुल गांधी अभी-अभी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर लौटे हैं. यह यात्रा कन्याकुमारी से लेकर जम्मू कश्मीर […]
नई दिल्ली: बुधवार(1 फरवरी) को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-2024 का बजट भाषण दिया. संसद के बजट सत्र में भाग लेने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पहुंचे. ज्ञात हो राहुल गांधी अभी-अभी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर लौटे हैं. यह यात्रा कन्याकुमारी से लेकर जम्मू कश्मीर पहुंची थी. इस दौरान राहुल गाँधी अपनी टीशर्ट को लेकर काफी चर्चा में रहे थे. उनका यही अंदाज़ एक बार फिर नज़र आ रहा है. बुधवार को भी राहुल गाँधी को सफ़ेद रंग की हाफ स्लीव शर्ट में देखा गया.
इस दौरान का एक वीडियो भी सामने आ रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे राहुल गांधी एक बार फिर हाफ शर्ट पहने संसद आते हैं. संसद भवन पहुँचने पर कांग्रेस के कई कार्यकर्ता राहुल का पूरी गर्मजोशी से स्वागत करते भी दिखते हैं. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने राहुल गाँधी ज़िंदाबाद के नारे भी लगाए. बता दें, राहुल गाँधी मंगलवार को ही श्रीनगर में अपनी यात्रा समाप्त कर लौटे हैं.
#BharatJodoYatra के बाद आज संसद में पहुँचे @RahulGandhi pic.twitter.com/UoZjJTjKx3
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) February 1, 2023
राहुल गांधी ने अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की। राहुल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे समय खबरों में बने रहे। भारत के साथ-साथ विदेशी मीडिया में भी कांग्रेस की इस यात्रा को खासा कवरेज मिली। इस्लामिक देशों, पाकिस्तान, यूएई, तुर्की आदि के प्रमुख अखबारों में राहुल गांधी की यात्रा पर कई आर्टिकल्स छपे।
पड़ोसी देश पाकिस्तान का प्रमुख अखबार डॉन लिखता है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का कर्नाटक में हिजाब पहने हुए स्कूली लड़की का हाथ थामना दिखाता है कि वो भी उसी विचारधारा से आते हैं, जो गांधी और नेहरू की विचारधारा थी। अपने एक लेख में अखबार ने लिखा है कि पांच महीने की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने अपनी बीमार पार्टी और देश की खराब हालत को सुधारने की कोशिश की है। 12 राज्यों घूमना और 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करना कोई चमत्कारिक उपलब्धि नहीं है। बिना कैमरे की मौजूदगी में समुद्र में गोते लगाना भी कोई बड़ा चमत्कार नहीं है।
बता दें, यह यात्रा तिरुवनंतपुरम (केरल), कोच्चि (केरल), नीलंबुर (केरल), मैसूर (कर्नाटक), बेल्लारी (कर्नाटक), रायचुर (कर्नाटक), विकराबाद (तेलंगाना), नांदेड़ (महाराष्ट्र), जलगांव जामोद (महाराष्ट्र), इंदौर (मध्य प्रदेश), कोटा (राजस्थान), दौसा (राजस्थान), अलवर (राजस्थान), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), दिल्ली, अम्बाला (हरियाणा), पठानकोट (पंजाब), जम्मू (जम्मू-कश्मीर) और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) से सिलसिलेवार होकर गुजरी है.