नई दिल्ली: लोकसभा से अयोग्य घोषित होने के बाद अब लोकसभा आवास समिति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस दिया है. ऐसे में कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि बीते दिनों सूरत जिला कोर्ट ने ‘सारे मोदी […]
नई दिल्ली: लोकसभा से अयोग्य घोषित होने के बाद अब लोकसभा आवास समिति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस दिया है. ऐसे में कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि बीते दिनों सूरत जिला कोर्ट ने ‘सारे मोदी चोर हैं’ वाले मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी जिसके अगले ही दिन उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इसी कड़ी में अब उनका सरकारी बंगला भी वापस लिए जाने का नोटिस जारी कर दिया है. आइए जानते हैं की किसी सांसद की संसदीय सदस्यता जाने पर कब तक करना होता है बंगला खाली?
Lok Sabha Secretariat gives notice to Congress leader Rahul Gandhi to vacate government bungalow.
The allotment of the govt bungalow will be cancelled with effect from 23.04.2023. pic.twitter.com/eymsQlPC0n
— ANI (@ANI) March 27, 2023
बता दें, देश में जनरल पूल रेजिडेंशियल अकॉमोडेशन एक्ट (GPRA) के तहत सांसदों को सरकारी बंगलों का आवंटन किया जाता है. आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डायरेक्टोरेट ऑफ स्टेट्स सांसदों से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के बीच सरकारी बंगलों का आवंटन करते हैं. हालांकि नियम कहता है कि यदि किसी सांसद या मंत्री की सदस्यता ख़त्म हो जाती है तो उससे बंगला वापस ले लिया जाता है. किसी भी सांसद की सदस्यता ख़त्म होजाने के बाद केंद्र सरकार के संपत्ति अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाता है. इस नोटिस का जवाब तीन दिन के अंदर देना होता है.
आमतौर पर अलॉटमेंट कैंसिल होने के बाद कब्जेदार को कारण बताओ नोटिस भेजकर 30 दिनों के भीतर बंगला खाली करने के लिए कहा जाता है. राहुल गांधी को भी अगले एक महीने के अंदर बंगला खाली करने के लिए कहा गया है. वहीं कब्जेदार के पास डायरेक्टोरेट ऑफ स्टेट्स के पास अपील करना का भी मौक़ा होता है. वह सरकारी बंगले के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ स्टेट्स के पास जाकर अपील कर सकता है लेकिन अगर डीओई उसकी अपील ठुकरा देता है तो उसे बंगला खाली करना शुरू करना पड़ता है. इस बीच यदि कब्जेदार हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करता है तो सुनवाई पूरी होने तक के लिए बंगला खाली करवाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सकती है.
हैरानी की बात ये है कि कुछ समय पहले ही राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि 52 साल के होने के बाद भी उनका खुद का घर नहीं है। हालांकि सरकार ने उन्हें और उनकी माता सोनिया गांधी को सांसद होने के नाते बंगला दिया हुआ था. अब राहुल गांधी को उनका बंगला खाली करने के लिए लोकसभा की हाउस कमिटी ने नोटिस जारी कर दिया है. ये बंगला दिल्ली के 12 तुगलक लेन में स्थित है जो राहुल गांधी को 2014 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से निर्वाचित होने के बाद मिला था.
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