Rahul Gandhi Abhijit Banerjee Conversation Covid 19: कोरोना वायरस की वजह से बिगड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बातचीत की. साथ ही इस दौरान लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट को लेकर भी चर्चा की.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस की वजह से बिगड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बातचीत की. इस दौरान लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट को लेकर भी चर्चा की गई. वीडियो मीटिंग की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने पूछा कि UPA शासन में भारत में नीतिगत ढांचा था, गरीब लोगों के लिए एक प्लेटफार्म था-मनरेगा, भोजन का अधिकार आदि और अब उसका बहुत कुछ उल्टा होने वाला है, कोरोना के कारण लाखों-करोड़ों लोग वापस गरीबी में जाने वाले हैं, इस बारे में कैसे सोचना चाहिए?
डॉ. अभिजीत बनर्जी ने कहा कि यूपीए के अंतिम सालों में आधार योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का विचार था, जिसे मौजूदा सरकार ने भी स्वीकारा, ताकि उसका उपयोग पीडीएस और अन्य चीजों के लिए किया जा सके. आधार कार्ड के जरिए आप जहां भी होंगे, पात्र होंगे. इससे बहुत सारी मुसीबतों से बचा जा सकता है. आधार दिखाकर लोग स्थानीय राशन की दुकान पर पीडीएस का लाभ उठा पाते, वो मुंबई में इसका लाभ उठा सकते, चाहे उनका परिवार मालदा, दरभंगा या कहीं भी रहता हो.
न्याय जैसी योजना या लोगों तक सीधे नकद हंस्तांतरण पर अभिजीत बनर्जी ने आगे कहा कि निचले तबके की 60% आबादी को पैसा देने में कोई बुराई नहीं है. शायद उनमें से कुछ को इसकी जरूरत नहीं होगी. लेकिन वे इसे खर्च करेंगे, तो इसका अच्छा प्रभाव होगा. अभिजीत बनर्जी ने कहा कि देश में मांग की समस्या है. अब यह समस्या बड़ी होने जा रही है. क्योंकि साधारण सी बात है, पैसे के अभाव में कुछ न खरीद पाने के कारण दुकानें बंद है, क्योंकि लोग भी खरीद नहीं रहे हैं.
Shri @RahulGandhi speaks with Prof. Abhijit Banerjee on COVID19 & its economic impact. #InConversationWithRahulGandhi https://t.co/lSAGPZjyKh
— Congress (@INCIndia) May 5, 2020
राहुल गांधी ने अभिजीत से कहा कि आपके अनुसार तेजी से काम करने की आवश्यकता है. जितनी तेजी से काम होगा, यह उतना ही प्रभावी होगा. हर पल की देरी वास्तव में नुकसानदायक है. डॉ. अभिजीत ने कहा कि आप सही हैं, वे नहीं चाहते सरकार हर किसी के हस्तक्षेप या उपयुक्त-अनुपयुक्त की जांच करें. जिन इलाकों में खुदरा व्यापार को बंद कर दिया है, वहां लोगों के खर्च करने की क्षमता बढ़ने से मांग और आपूर्ति असंतुलित हो जाएगी, इससे बचना चाहिए.