राहुल गांधी: एक नज़र उनके जीवन और राजनीतिक सफर पर

नई दिल्ली: राहुल गांधी ने अपने शुरुआती जीवन में ज़्यादातर समय सार्वजनिक रूप से नहीं बिताया। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें घर पर ही पढ़ाया गया। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफ़न कॉलेज में अपनी यूनिवर्सिटी की पढ़ाई शुरू की और बाद में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। लेकिन 1991 में अपने पिता की हत्या के बाद वे फ्लोरिडा के विंटर पार्क में रोलिंस कॉलेज चले गए। 1994 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और एक साल बाद कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में एक कंसल्टिंग फर्म के साथ काम किया और फिर भारत लौटकर मुंबई में एक फर्म स्थापित करने में मदद की।

राजनीति में प्रवेश

राहुल गांधी ने 2004 में राजनीति में कदम रखा और पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। 2009 के चुनाव में भी उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी। 2013 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया और 2014 के चुनावों में वे प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार बने। हालांकि उन्होंने फिर से अपनी लोकसभा सीट जीत ली, लेकिन कांग्रेस पार्टी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से करारी हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने

सोनिया गांधी के नेतृत्व से सेवानिवृत्त होने का फैसला करने के बाद, राहुल गांधी 2017 के अंत में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने। उन्होंने अपने नेतृत्व में कई आलोचनाओं का सामना किया, जिसमें उन्हें नेहरू-गांधी वंश की चौथी पीढ़ी के रूप में अभिजात्य और नीरस माना गया। फिर भी, उन्होंने 2018 के राज्य चुनावों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन दिलाने में मदद की।

अयोग्यता और पुनर्बहाली

मार्च 2023 में, राहुल गांधी को मान हानि का दोषी ठहराया गया और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई, जिसमें उन्होंने “मोदी” उपनाम वाले लोगों को चोर कहा था। इसके बाद उन्हें भारतीय संसद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। 4 अगस्त 2023 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें संसद के सदस्य के रूप में बहाल कर दिया गया।

राहुल गांधी का जीवन और राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालते हुए, उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया और अपनी पार्टी को महत्वपूर्ण समयों में नेतृत्व प्रदान किया। उनके जीवन की यह कहानी उनके संघर्ष, धैर्य और नेतृत्व को दर्शाती है।

 

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