Rafale Deal Controversy: राफेल डील में गड़बड़ी को लेकर लंबे समय से छिड़ा विवाद अब फ्रांस में भी चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल फ्रांस के एक एंटी करप्शन एनजीओ ने फ्रांस और भारत के बीच हुई राफेल डील को लेकर के वित्तीय मामलों के प्रॉसीक्यूटर कार्यालय में शिकायत देकर मामले की जांच कराने की मांग रखी है.
नई दिल्ली. राफेल डील को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. ताजा जानाकारी के अनुसार फ्रांस की एक एंटी करप्शन एनजीओ ने फ्रांस और भारत के बीच हुई राफेल डील को लेकर के वित्तीय मामलों के प्रॉसीक्यूटर कार्यालय में शिकायत देकर मामले की जांच कराने की मांग रखी है. इस एनजीओ का नाम शेरपा है जो कि एकोनामिक क्राइम के खिलाफ लड़ाई लड़ता है. शिकायत में एनजीओ ने जानकारी मांगी है कि 36 फाइटर जेट के लिए भारत के साथ किन परिस्थितियों में डील की गई और अनिल अंबानी की ही कंपनी को इस समझौते के लिए क्यों चुना गया. इसका क्या कारण था.
फ्रांस की न्यूज वेबसाइट मीडियारिपोर्ट में छपी खबर के अनुसार एनजीओ ने जो शिकायत दी है उसमें राफेल डील में घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी बात कही गई है. एनजीओ ने कहा है कि यदि राष्ट्रीय पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ऑफिस इसकी जांच करता है तो जरूर सच्चाई सामने आएगी.
ये शिकायत इसी साल अक्टूबर के अंत में की गई थी लेकिन अभी ये साफ नही हो पाया कि इसपर जांच शुरु भी हुई है कि नहीं. गौरतलब है कि देश में जब विपक्षी पार्टियों ने राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करना शुरु किया तब से ये विवाद बढ़ गया. सवाल उठाए गए कि आखिर अंबानी की कंपनी को ही ऑफसेट पार्टनर के रूप में क्यों चुना गया. हालांकि दसॉल्ट कंपनी और सरकार दोनों ने आरोप को निराधार बताकर खारिज कर दिया.
साल 2016 में हुई राफेल डील को लेकर बवाल तब और अधिक बढ़ गया जब फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहाकि उनके पास अनिल अंबानी की कंपनी को चुनने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था.