देश-प्रदेश

कुतुबमीनार पूजा विवाद: 9 जून को होगी अगली सुनवाई, जानिए कोर्ट में आज क्या हुई बात…

नई दिल्ली। कुतुबमीनार में पूजा करने वाली याचिका पर दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 9 जून को करेगा। 

आज मामले में कोर्ट ने कही ये बात

साकेत कोर्ट ने पूछा कि भले ही यह मान लिया गया हो कि संरचना को ध्वस्त कर ढांचा खडा़ किया गया था। लेकिन कानूनी अधिकार क्या है जो आपको अधिकार देता है। कोर्ट ने कहा कि यह देखते हुए कि मुसलमानों द्वारा इसे मस्जिद के रूप में इस्तेमाल नहीं किया गया था, तो महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या अब आप दावा कर सकते हैं कि इसे किस आधार पर बहाल किया जाना चाहिए;?

आगे कहा कि अब आप चाहते हैं कि इस स्मारक को मंदिर में बदल दिया जाए, इसे जीर्णोद्धार कहा जाए, मेरा सवाल यह है कि आप कैसे दावा करेंगे कि वादी को यह मानने का कानूनी अधिकार है कि यह लगभग 800 साल पहले अस्तित्व में था;?

याचिकाकर्ता के वकील ने दिया ये जवाब

इसके जवाब में याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने कहा कि ;जब कोई मंदिर है जो मस्जिद से बहुत पहले से मौजूद है तो उसे बहाल क्यों नहीं किया जा सकता;। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा है कि ;अगर इसकी इजाजत दी गई तो संविधान के ताने-बाने, धर्मनिरपेक्ष चरित्र को नुकसान होगा।

सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से पेश हरिशंकर जैन ने कहा कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को तोड़ा। मस्जिद का निर्माण इस्लाम की ताकत दिखाने के लिए किया गया था। इस दौरान जज ने पूछा कि आप किस कानूनी अधिकार के तहत पूजा का अधिकार मांग रहे हैं? इस पर जैन ने स्मारक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि हमें कोई निर्माण नहीं चाहिए, बस यहां पूजा का अधिकार चाहिए. इस पर जज ने कहा कि आप इसे ठीक करने के लिए किस आधार पर दावा कर रहे हैं?

इस पर हरिशंकर ने कहा कि स्मारक अधिनियम के चरित्र के अनुसार वहां पूजा करनी चाहिए. हरिशंकर जैन ने अयोध्या में राम मंदिर मामले का भी जिक्र किया और कहा कि पूजा स्थल अधिनियम यहां लागू नहीं होता है। इस पर कोर्ट ने जैन से पूछा कि पूजा अधिनियम का उद्देश्य क्या है?

जैन ने कहा कि हमें अपना मामला साबित करने के लिए सबूत देने का मौका नहीं दिया गया. सबूत देने का उचित अवसर दिए जाने से पहले मुकदमे को खारिज कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि 800 साल से अधिक समय से यहां कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी गई। हरिशंकर जैन ने बताया कि मंदिरों को तोड़े जाने के मामले को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. 9 जून को एक ही फैसला होना है कि हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलेगा या नहीं?

अध्ययन करेगा एएसआई

अस्तित्व से उत्पन्न विवाद के कारण अब कुतुब मीनार का अध्ययन किया जाएगा, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि कुतुब मीनार चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय की है या इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था। इस अध्ययन की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सौंपी गई है। परिसर में खुदाई कर जमीन में दबे इतिहास का पता चलेगा। इसके साथ ही कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में स्थापित हिंदू और जैन मूर्तियों के बारे में पर्यटकों को सूचित करने के लिए नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे।

य़ह भी पढ़े;

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम, जिसमें उलझ गए लालू, इन मामलों में पहले ही लटक रही है तलवार

Pravesh Chouhan

Recent Posts

11 साल बाद फर्जीवाड़े मामले में भारतीय क्रिकेटर के पिता को 7 साल की सजा

Naman Ojha Father Fraud Case: भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को 7 साल की…

1 hour ago

डॉली चायवाला ने नागपुर छोड़कर दुबई में खोला 5 स्टार ऑफिस

डॉली जिनका असली नाम सुनील पाटिल है, दुबई के एक आलीशान कमरे से काम करती…

1 hour ago

अच्छी और सुकून की नींद लिए अपनाएं ये 5 योगासन, समस्या भागेंगी कोसो दूर

आज की व्यस्त जिंदगी में तनाव और चिंता के कारण नींद न आने की समस्या…

2 hours ago

Manu Bhaker और Neeraj Chopra के रिश्ते की अफवाहें, जानें कितनी है सच्चाई?

Manu Bhaker Neeraj Chopra: मनु भाकर और नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक्स में क्रमशः शूटिंग…

2 hours ago

Year Ender 2024: अभिषेक शर्मा, सैम अयूब से नीतीश रेड्डी तक… इन युवा खिलाड़ियों ने मचाई धूम

Best of 2024: इस साल क्रिकेट मैदान पर बड़े-बड़े रिकॉर्डस बने, साथ ही कई यादगार…

2 hours ago

IIT दिल्ली के छात्रों के लिए खुशखबरी, AI में 6 महीने का सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू हुआ

IIT दिल्ली में जेनरेटिव AI में 6 महीने का सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किया है। आपको…

2 hours ago