लखनऊ: अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. जानकारी हो कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इस पावन अवसर पर देश-विदेश से कई हस्तियां अयोध्या आने वाली है. इस बीच राम मंदिर के नाम पर फर्जी चंदा लेने वालों के फर्जीवाड़े (QR Code Scam In Ayodhya) का मामला सामने आया है. इसका खुलासा विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ओर से किया गया है. वीएचपी ने इसे लेकर लोगों को सावधान रहने की अपील की है.
राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे (QR Code Scam In Ayodhya) के नाम पर कई तरह के फर्जीवाड़े भी किए जा रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसका खुलासा किया है. वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दो पोस्ट कर इस पूरे मामले का खुलासा किया है. इन दो पोस्ट में उन्होंने ‘क्यूआर’ कोड के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं. उन्होंने बताया कि इन्हीं कोड के जरिए राम मंदिर के नाम पर लोग फर्जी तरीके से चंदा मांग रहे हैं.
विनोद बंसल ने क्या कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से कुछ लोग फर्जी आईडी बना कर पैसे लूटने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस को टैग करके लिखा है कि इन्हें ऐसे फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि श्रीराम तीर्थ ने इस अवसर के लिए किसी को भी फंड्स एकत्र करने के लिए नहीं अधिकृत किया है.
राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बताया कि इस फर्जीवाड़े का पता लगाने के लिए एक ऑपरेशन चलाया गया. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन से पता चला कि पेमेंट मोड के लिए किसी महिला के नाम पर रजिस्टर्ड क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया गया है. इस पूरे मामले की जड़ तक जाने के लिए अवध प्रांत के सोशल मीडिया प्रमुख ने फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों से चंदा देने के लिए क्यूआर कोड के बारे में बात की. जब उन्होंने कॉल किया तो दूसरी तरफ से अभिषेक कुमार नाम के शख्स ने बात की और कहा कि आप अपना व्हाट्सअप नंबर भेज दिजीए, उसी पर आपको क्यूआर कोड सेंड कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उस शख्स ने बताया कि वो अयोध्या में ही रहता है और राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदे की बहुत जरूरत है.
वीएचपी ने इस मामले (QR Code Scam In Ayodhya) में शिकायत दर्ज कराई है. यह शिकायत उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक को लिखित में दी गई है. इसके साथ ही इस शिकायत की प्रतिलिपि केंद्रीय गृह मंत्रालय और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी भेज दी गई है. वीएचपी की तरफ से इस मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है.
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