नई दिल्लीः कतर की जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक सकुशल भारत लौट आए हैं। इसका सारा श्रेय नौसेना के पूर्व अधिकारी भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं। उनका कहना है कि पीएम मोदी के दखल के बगैर उनकी वापसी संभव नहीं थी। वहीं इस काम में सुरक्षा सलाकार और […]
नई दिल्लीः कतर की जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक सकुशल भारत लौट आए हैं। इसका सारा श्रेय नौसेना के पूर्व अधिकारी भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं। उनका कहना है कि पीएम मोदी के दखल के बगैर उनकी वापसी संभव नहीं थी। वहीं इस काम में सुरक्षा सलाकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
इस पूरे प्रकरण में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाले रखा। दोनों ने संवेदनशील चर्चाओं की कमान संभाली और कतरी अधिकारी नेतृत्व को समझाने के लिए और भारत का पक्ष रखने के लिए कई बार कतर की राजधानी दोहा गए। दूसरी तरफ पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख बिन हमाद-अल-थानी से दुबई में मुलाकात की थी। उस दौरान पीएम मोदी और शेख के बीच द्विपक्षीय रिश्ते में रह रहे भारतीयों की बेहतरी पर भी चर्चा की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने भी इस मुलाकात के बारे में बताया था। बता दें कि 30 अगस्त 2022 को 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में कतर में अरेस्ट किया गया था। बाद में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और बाद में भारत सरकार के प्रयासों के बाद कैद में बदल दिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दायार ग्लोबल कंपनी में काम करने वाले 8 भारतीय नागरिकों को रिहा करने का स्वागत करती है। हालांकि 8 में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रीहाई और वतन वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले का सराहना करते हैं।
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