नई दिल्ली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन आज शाम भारत के दौरे पर थे, महज 7 घंटे के इस दौरे में उन्होनें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की ( Putin-Modi Meet ) और 21वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. पुतिन के दौरे से पहले आज सुबह भारत और रूस के बीच मंत्रिस्तरीय 2+2 […]
नई दिल्ली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन आज शाम भारत के दौरे पर थे, महज 7 घंटे के इस दौरे में उन्होनें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की ( Putin-Modi Meet ) और 21वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. पुतिन के दौरे से पहले आज सुबह भारत और रूस के बीच मंत्रिस्तरीय 2+2 वार्ता हुई.
भारत और रूस के बीच हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता आयोजित की गई. कोरोना आने का बाद आए वैश्विक बदलावों के बीच इन दोनों पुराने सहयोगियों के बीच की गई ये वार्ता काफी महत्वपूर्ण थी. जिसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने हिस्सा लिया. इस महत्वपूर्ण वार्ता में दोनो देशों के नेताओं के बीच कई रणनीतिक मसलों पर चर्चा होने के साथ कई रक्षा साझेदारियों पर हस्ताक्षर किए गए.
इस वार्ता के दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के एक बयान ने लोगों का काफी ध्यान खींचा जिसमें रूसी विदेश मंत्री ने अमेरिकी धमकी का जवाब देते हुए कहा कि ‘भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपने रक्षा हित में फैसले लेने का पूरा हक है, कौन से हथियार खरीदना है और किससे हथियार खरीदना है ये भारत खुद तय करेगा’ किसी दूसरे देश को इसमें परेशान होने की कोई जरूरत नही है.
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी. बता दे कि अमेरिका इन प्रतिबंधो की धमकी हर उस देश को देता है जो रूस के साथ रक्षा करार करते है. अमेरिका ये प्रतिबंध अपने एक कानून के तहत लगाता है जिसका नाम ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन्स एक्ट’ है. जिसे ‘काट्सा कानून’ भी कहा जाता है. अमेरिका ने ये दंडनीय कानून अपने दुश्मनों की आक्रमकता का सामना करने के लिए बनाया है.