नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस-यूक्रेन युध्द पर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के साथ काफी लंबे समस से चल रहे इस युद्ध का उनको कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने युद्ध होने के कारणों को बताया और इसी के साथ भारत-चीन के रुख पर भी बात की।
करीब पिछले 7 महीने से पूरी दुनिया रूस और यूक्रेन युद्ध का दंश झेल रही है। ऐसे समय में रूस ने भारत और चीन को अपना अहम साझेदार बताया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना पहुंचे थे, इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत और चीन ने हमें इस मामले का आपसी बातचीत से हल करने का सुझाव दिया था। दोनों देशो के इस दृष्टिकोण का वह सम्मान करते हैं। इसके बावजूद यूक्रेन पर स्पेशल मिलिट्री एक्शन लेना रूस के अस्तित्व के लिए जरूरी हो गया था और इस युद्ध से हमें कोई अफसोस नहीं है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने कहा की, नई दिल्ली और बीजिंग ने हमेशा से यूक्रेन संघर्ष को हमेशा से शांतिपूर्ण समाधान निकालने की बात कही है। दोनों देशो के रुख को हम जानते हैं जिसका हम सम्मान करते हैं। भारत औऱ चीन हमारे सहयोगी और साझेदार हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध पर राष्ट्रपति पुतिन ने बात करते हुए कहा कि, रूस का यूक्रेन को पूरी तरह से तबाह कर देने का कोई इरादा नहीं है। मेरे जानकारी के अनुसार यूक्रेन के 7 सैनिक ठिकानो को रूस के तयबद्ध योजना के अनुसार पहले ही हिट नहीं कर पाए थे। लेकिन अब इस पर काम किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि अभी यूक्रेन पर किसी बड़े स्ट्राइक की आवश्यकता नहीं है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने इस मुद्दे पर बात करते हुए आगे कहा कि, उन्हें इस युद्ध का कोई पछतावा नहीं है लेकिन जो हो रहा है वो सुखद भी नहीं है। अगर हमने स्पेशल मिलिट्री एक्शन नहीं शुरू किए रहते तो हालात बदतर होते जाते, लेकिन अब हम सबकुछ ठीक करने में लगे हुए हैं। पुतिन ने आगे की योजनाओं पर बात करते हुए कहा कि मिलिट्री ट्रेनिंग पूरी कर चुके 3 लाख नागरिकों की सेना में तैनाती की प्रकिया दो सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी। अब तक कुल 33,000 लोगों को इसमें मिलिट्री यूनिट में शामिल किया जा चुका है और इसमें से 16,000 सैनिक यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान का हिस्सा बन चुके हैं। पुतिन ने नाटो देशों को भी चेतावनी दी है कि अगर नाटो सैनिक रूसी सेना से उलझे तो इसका परिणाम काफी खतरनाक साबित होगा।
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही भारत बिना किसी खेमे में खड़े हुए दोनो देशों से बातचीत कर रहा है और लगातार आग्रह कर रहा है कि बातचीत से इस मसले का हल निकालिए। हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और पुतिन की सीधी मुलाकात हुई थी। इस बैठक में मोदी ने पुतिन को समझाते हुए कहा कि ये युग युद्ध का नहीं है आप सभी बातचीत से इस मसले का हल निकालिए। बता दें कि मोदी की इस टिप्पणी का दोनो देशों के समेत पूरी दुनिया में गहरा प्रभाव पड़ा था।
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